Answer for अग्नि शमन किसे कहते है तथा ये कितने प्रकार के होते है

फैक्ट्री या वर्कशाप में विद्युत के शॉर्ट-सर्किट या अन्य किसी कारण से आग लग सकती है। आग बुझाने के लिए “अग्नि शामक यंत्र” (fire extinguishers) प्रयोग किये जाते हैं। इन्हें वर्कशाप में ऐसे स्थानों पर लगाया जाता है जहाँ हर व्यक्ति की निगाह सरलता से पहुँच सके। ये यन्त्र तीन प्रकार के होते हैं –

1. कार्बन डाइऑक्साइड यंत्र (Carbon Dioxide Extinguisher) – इसका उपयोग लकड़ी. रूई, कपड़े आदि में लगी आग को बुझाने के लिए किया जाता है। इसमें सोडियम बाई-कार्बोनेट (NaHCO3) का जलीय विलयन (घोल) एक बर्तन में भरा होता है। विलयन के बीच में काँच की बन्द बोतल में तनु सल्फ्यू रिक एसिड (dil H2SO4 ) भरा होता है। बोतल को इस प्रकार फिट किया जाता है कि उसके ऊपर लगे पेंच को जोर से दबाने पर बोतल फूट जाती है। सल्फ्यूरिक एसिड तथा सोडियम बाई-कार्बोनेट की क्रिया से कार्बन डाईऑक्साइड गैस पैदा होती है – 2NaHCO3 +H2SO4 → Na2so4 + 2H2O + 2CO2 इस प्रकार पैदा हुए गैस और जल के मिश्रण की तेज फुआर आग को बुझा देती है। Co2 गैस, ऑक्सीजन की सप्लाई काटती है और जल, आग में जलती वस्तु का तापमान घटाता है। यह यन्त्र ‘सोडा-एसिड’ यन्त्र भी कहलाता है।

2. झाग वाला यन्त्र (Foam-type Extinguisher)- यह यन्त्र भी कार्बन डाईऑक्साइड यन्त्र की भाँति बना होता है। इसके घोल में लाल तेल मिलाया जाता है। Co2 गैस तथा लाल तेल मिलकर, जलती हुई वस्तु पर झागों (foams) की एक पर्त चढ़ा देते हैं जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई कट जाती है और आग बुझ जाती है। इस प्रकार के यन्त्र, मिट्टी के तेल, डीजल, पैट्रोल आदि में लगी आग बुझाने के लिए उपयोगी हैं।

3. सी. टी. सी. यन्त्र (Carbon Tetra Chloride Fire Extinguisher) – इस यन्त्र में कार्बन टेट्रा क्लोराइड नामक द्रव (CCl4) भरा होता है। जब वायु दाब पम्प की सहायता से द्रव को आग के ऊपर स्प्रे किया जाता है तो तरल कार्बन कण हवा से भारी होने के कारण नीचे बैठ जाते हैं। ऑक्सीजन की सप्लाई कट जाने से आग बुझ जाती है। यह उपकरण बिजली के तारों में लगी आग को बुझाने के लिए उपयोगी है। उपरोक्त यन्त्रों के अतिरिक्त सामान्य जल की तीव्र धारा, आग बुझाने के लिए प्रयोग की जाती है। ये यंत्र ट्रकों पर फिट किये जाते हैं। इसमें एक बड़े टैंक में जल भरा होता है। टैंक के साथ लगा विद्युत चालित दाब पम्प, जल की फुआर बनाने के लिाई आवश्यक दबाव पैदा करता है। यह यन्त्र बिजली के तारों ज्वलनशीन पदार्थों आदि की आग बुझाने के लिए उपया नहीं है। तेल, जल से हल्का होने के कारण पुनः सतह पर आ जाता है और जलने लगता है। सामान्य जल विद्युत का सुचालक है और इसलिए बिजली के तारों में लगी आग बुझाने के लिए उपयोगी नहीं है।

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