Answer for इलेक्ट्रॉनिक मीटर्स कितने प्रकार के होते है ?

विद्युतीय कार्य के दौरान हमें वोल्टेज, करेंट तथा विभिन्न उपकरणों के रजिस्टेंस इत्यादि का मापन करना होता है। इन्हें मापने के लिये विभिन्न प्रकार के मीटरों की सहायता ली जाती है। जैसे- वोल्टमीटर – यह किसी विद्युत सर्किट के वोल्टेज को नापती है। एम्पीयर मीटर यह किसी विद्युत सर्किट में बह रहे करेंट की मात्रा को नापती है। इसी प्रकार एक रजिस्टेंस मीटर किसी विद्युतीय सर्किट या उपकरण के रजिस्टेंस का मापन करती है। कुछ ऐसे भी मीटर आते है जिनमें उपरोक्त तीनों मीटर एक ही युनिट के अंदर बने हुये होते हैं। इस एक मीटर के द्वारा हम वोल्टेज, करेंट तथा विद्युत अवरोध अर्थात् रजिस्टेंस तीनों का मापन कर सकते हैं। इन मीटरों को मल्टीमीटर कहा जाता है।
 
वोल्टमीटर
वोल्टमीटर का उपयोग किसी सर्किट में, लोड में या सप्लाई लाईन में उपस्थित विद्युत दबाव या वोल्टेज को नापने के लिये किया जाता है। वोल्टमीटर को हमेशा लोड के पैरलल में लगाया जाता है। वोल्टमीटर बहुत से अलग-अलग वोल्टेज रेंज के बनाये जाते हैं। कुछ वोल्टमीटर लो वोल्टेज को नापने के लिये बनाये जाते हैं, वहीं दूसरी ओर अन्य कुछ वोल्ट मीटर हाई वोल्टेज को नापने के लिये बनाये जाते है। कम रेंज वाले वोल्टमीटर पर रेंज से अधिक वोल्टेज को नापने पर वह मीटर जल जाता है। इसी प्रकार हाई रेंज वाले वोल्टमीटर से लो वोल्टेज को नापने पर मान को पढ़ने में कठिनाई होती है। सामान्यत: AC और DC वोल्टेजों को नापने के लिये अलग-अलग वोल्टमीटरों की आवश्यकता पड़ती है।
 
एम्पीयर मीटर
(अमीटर) एम्पीयर मीटर का उपयोग किसी सर्किट या लोड में बह रहे। करेंट की मात्रा को नापने के लिये किया जाता है। एम्पीयर मीटर या अमीटर को हमेशा लोड के सीरिज में लगाया जाता है। अमीटर भी विभिन्न रेंज के आते हैं। इलेक्ट्रॉनिक सर्किटों के साथ अपेक्षाकृत कम रेंज वाले अमीटर का उपयोग किया जाता है जबकि विद्युतीय (इलेक्ट्रिकल) कार्यों के लिये अधिक रेंज वाले अर्थात् 15 एम्पीयर वाले मीटर का उपयोग किया जाता है।
 
रजिस्टेंस मीटर
रजिस्टेंस मीटर का उपयोग मुख्यत: विद्युत अवरोध या रजिस्टेंस को नापने के लिये किया जाता है। साथ ही साथ इस रजिस्टेंस मीटर का उपयोग किसी तार या विद्युत सर्किट की कन्टीन्युटी चेक करने के लिये भी किया जाता है। सर्किट में लगे किसी रजिस्टेंस का मापन लेते समय ध्यान रखें कि उस सर्किट में सप्लाई नहीं दी गई होनी चाहिये। रजिस्टेंस मीटर को, चेक किये जाने वाले उपकरण के पैरलल में लगाना चाहिये।
 
मल्टीमीटर
ऐसा मीटर जिसके द्वारा AC वोल्टेज, DC वोल्टेज, DC करेंट, रजिस्टेंस इत्यादि को एक साथ नापा जा सके, उस मीटर को मल्टी-मीटर कहा जाता है। मल्टीमीटर के द्वारा विभिन्न इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की विभिन्न जाँच भी की जा सकती है। मल्टीमीटर के द्वारा कन्टीन्युटी टेस्ट और क्लिक टेस्ट भी किये जा सकते हैं। | सान्वा P-3 एक बहुप्रचलित एवं लोकप्रिय मल्टीमीटर है। इस मल्टीमीटर से रजिस्टेंस, AC/DC वोल्टेज तथा DC करेंट को नापा जा सकता है। इस मापन के लिये विभिन्न रेंज दिये गये हैं। विभिन्न रेंज के लिये इसमें है विभिन्न प्लग बने हुये हैं। इन प्लगों में आवश्यकतानुसार प्रॉबों को लगाकर मल्टीमीटर का उपयोग किया जाता है। इस मल्टीमीटर के चित्र को नीचे दिखाया गया है। मल्टीमीटर के डायल के नीचे बांयी तरफ कॉमन प्लग के उपर एक वेरिएबल नॉब लगी है। जिसके साथ 02 ADJ. अंकित है। इस नॉब को घुमाकर मल्टीमीटर के डायल पर सुई को दांयी ओर बने शून्य पर बराबर एडजस्ट किया जाता है।

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