Answer for कोरल ड्रा में ड्राइंग कैसे बनाई जाती है

✷ कोरल ड्रा में ड्राइंग उसी तरह से बनती है जैसे कि आप एक कागज पर पेंसिल से ड्राइंग बनाते हैं या एक चित्रकार कैनवस पर ब्रश से ड्राइंग बनाता है।
✷ ड्राइंग के निर्माण में टूल्स प्रयोग में लिए जाते हैं। यह टूल्स सॉफ्टवेयर में बायीं ओर एक टूल पट्टी में होते हैं।
✷ कोरल ड्रा के इस संस्करण में आप बिटमैप का इस्तेमाल इंपोर्ट कमांड से कर सकते हैं और उसमें ट्रांसपैरेंसी को जोड़ सकते हैं।
✷ कोरल ड्रा के बिटमैप मीनू में दिए विशेष प्रभावों से बिटमैप को नया रूप दे सकते हैं।
✷ बिटमैप को लाइनआर्ट में बदलने के लिए कोरल ट्रेस नामक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर भी कोरल ड्रा के इंस्टालेशन के साथ खुद ही इंस्टाल हो जाता है।
✷ कोरल ड्रा में रंग का इस्तेमाल करते समय सीएमवाइके (कार) कलर प्लेट का चयन करें।
✷ कोरल ड्रा में ड्राइंग में रंगीन बिटमैप का मोड बदलकर सीएमवाईके (CMYK) कर लें।
✷ कोरल ड्रा में काम करते समय दूसरे एप्लीकेशन प्रोग्राम कम से कम खोलें जिससे इसे मेमोरी की कमी न रहे और यह तेजी से कार्य कर सके।
✷ कम्प्यूटर के साथ यूपीएस का प्रयोग अवश्य करें। इसके साथ साथ कोरल ड्रा में ऑटोबैकअप सुविधा ऑन कर लें।
✷ विंडोज़ में उतने ही फोंट इंस्टॉल करें जितने की जरूरत हो।
✷ यदि आप यह चाहते हैं कि फाइल तोजी से खुले और ड्राइंग स्क्रीन पर जल्दी आ जाये तो व्यू को नार्मल या ड्राफ्ट रखें।
✷ कोरल ड्रा में कार्य प्रारम्भ करने से पहले उसे कस्टमाइज़ कर लें। इससे आप इसकी सक्षमता में बढ़ोत्तरी कर सकेंगे।
✷ कोरल ड्रा में अब बिटमैप यानी कि इमेज का भी प्रयोग होने लगा है। हालांकि आप कोरल ड्रा में बिटमैप बना नहीं सकते हैं लेकिन कोरल ड्रा में बनाई जा रही ड्राइंग में बिटमैप का प्रयोग जरूर कर सकते हैं। बिटमैप का प्रयोग करने के लिए आपको इसमें कुछ कमांड और टूल्स मिलते हैं, जिनकी मदद से यह कार्य होते हैं।
✷ इस इमेज की तुलना आप वेक्टर ऑब्जेक्ट से करें तो आपको सरलता से समझ में आ जाएगा। वैसे किसी भी तरह की इमेज डॉट अर्थात बिंदुओं से मिलकर बनती है जिन्हें कम्प्यूटर की भाषा में पिक्सेल कहा जाता है।
✷ कोरल कॉरपोरेशन ने कोरल ड्रा की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने हेतु इसके सहयोगी सॉफ्टवेयर कोरल बिटमैप पेंट को बहुत ही सक्षम बना दिया है। कोरल फोटोपेंट में आप किसी भी तरह के बिटमैप का सृजन कर सकते हैं। लेकिन इसमें वेक्टर ऑब्जेक्ट नहीं बनाए जा सकते हैं।
✷ कोरल ड्रा में बने हुए वेक्टर ऑब्जेक्ट की प्रॉपर्टीज़ को हम रंगों, शेप और उनके साइज़ से सेट करते हैं। प्रत्येक वेक्टर ऑब्जेक्ट में लाइनों और रंगों का प्रयोग होता है।
✷ कोरल ड्रा में बनी ड्राइंग का प्रत्येक ऑब्जेक्ट अपने आप में आत्मनिर्भर होता है। जिससे हम उसे सरलता से स्लेक्ट कर सकते हैं, एक जगह से दूसरी जगह पर ले जा सकते हैं, उसका आकार बदल सकते हैं और उसमें मनचाहे बदलाव कर सकते हैं। इसके अलावा अगर किसी ऑब्जेक्ट को दूसरे ऑब्जेक्ट के पीछे ले जाना हो या पीछे के ऑब्जेक्ट को आगे लाना हो तो वेक्टर ऑब्जेक्ट में बहुत ही सरलता से होता है।
✷ कोरल ड्रा में वेक्टर ड्राइंग का रिज़ोल्यूशन कोई मायने नहीं रखता है। इसकी प्रिंट क्वालिटी इस बात पर निर्भर करती है के आप कितनी उच्च क्षमता का प्रिंटर प्रयोग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप कोरल ड्रा में एक ड्राइंग बनाते है तो आप उसे चाहे जितना बड़ा कर दीजिए या बड़ी ड्राइंग जो चाहे जितना छोटा कर दीजिए उसके रिज़ोल्यूशन में कोई तर नहीं आएगा। जबकि इमेज के संदर्भ में यह बात महत्वपूर्ण । इमेज को अगर आप उसके वास्तविक आकार से बड़ा करेंगे – आप चाहे जितनी अच्छी क्वालिटी का प्रिंटर प्रयोग कर रहे – तो उसका प्रिंट आउट खराब आएगा।
✷ इमेज के संदर्भ में आप बड़ी इमेज को छोटा करके तो उम्दा ज़ल्ट प्राप्त कर सकते हैं लेकिन छोटी इमेज को बड़ा करके प अच्छा रिज़ल्ट प्राप्त नहीं कर सकते।
✷ कोरल ड्रा डॉक्यूमेंट में बने हुए किसी भी तरह की ड्राइंग को ब्जेक्ट कहा जाता है। ऑब्जेक्ट के ऐज या किनारे, पाथ डलाते हैं और यह पाथ खुले भी हो सकते हैं या बंद भी हो ते हैं। अगर किसी ऑब्जेक्ट के पाथ बंद हैं तब आप उसमें तर भर सकते हैं और अगर पाथ खुला है तो उसमें रंगों का जंग नहीं कर सकते हैं केवल आउट लाइन को रंगीन बना ते हैं। जेक्ट के पाथ को आप नोड का प्रयोग करके अलग-अलग i में बदल सकते हैं। कोरल ड्रा में दिए हुए कुछ टूल टोमेटिक तरीके से ऐसे पाथ बनाने में सक्षम हैं जोकि बंद होते हैंI

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