Answer for टैक्सटाइल डिज़ाइनर क्या होते है
भिन्न-भिन्न प्रकार के फैब्रिक्स तथा अन्य सभी प्रकार के कपड़ों की पूरी बनावट की जानकारी एवं उसमें अनेक तरह के डिज़ाइनों को बनाना ही Textile डिज़ाइनर का कार्य है। बहुत से फैब्रिक्स की भिन्न-भिन्न विशेषताएँ होती हैं। कई फैब्रिक्स की विशेषताएँ मिलती-जुलती भी हैं और कुछ एक की बिल्कुल अलग होती हैं। कॉटन फाइबर आपस में मिलते-जुलते हैं। ऐसे ही पशु-रेशे भी बहुत कुछ मिलते जुलते हैं किन्तु सिन्थेटिक अलग होते हैं अर्थात अलग से तात्पर्य उनकी ताप सहनशक्ति, साफ करने के तरीके सिलने के, प्रिंट करने के तरीकों में समानता व विषमता उनकी उत्पत्ति के आधार पर ही होती है। कुछ फाइबर को मिक्स करके, दूसरी रेशों के साथ मिलाकर बुनने से और भी अलग विशेषताएँ होती हैं। वस्त्र के फाइबर बहुत से अलग-अलग रंगों में तथा डिज़ाइनों में आते हैं। टैक्सटाइल डिज़ाइनर को यह निर्णय लेना होता है कि किस फैब्रिक पर कौन सा प्रिंट या डिज़ाइन सुन्दर लगेगा। किस रंग के अनुसार कोई फैब्रिक सजेगा। किसको किसके साथ मिलाने पर जनसाधारण पसन्द करेगा या नहीं। कई बार वीविंग में तो कभी निटिंग में भी यह फाइबर की अदला बदली करनी पड़ती है। टै
क्सटाइल डिज़ाइनर के कार्यः डिज़ाइनर का कार्य है कि विभिन्न प्रकार के टैक्सटाइल पर अच्छे लगने वाले डिज़ाइन तथा बनावट को निर्धारित करे। डिज़ाइनर को अनेकों प्रकार के वस्त्र सभी विविधताओं में बनाने पड़ते हैं। जैसे पहनने के वस्त्र अलग, बिस्तर, फर्नीचर के लिए, पर्दो के लिए, रसोई के लिए तथा अन्य ऐसी वस्तुओं के लिए भी जिनका हम नित्य प्रयोग करते हैं। इस काम के लिए वे डिज़ाइनर अन्य फैशन डिजाइनरों का भी सहयोग लेते हैं, जैसे Furniture Designer, Industrial Designer, Interior Designer, Patter maker आदि आदि। इन सभी को आपस में सलाह मशवरा करके तभी काम करने से काम अच्छा व शीघ्र होता है। सबसे पहले काम शुरू करते ही टैक्सटाइल डिज़ाइनर को यह सोचना पड़ता है कि अमुक फैब्रिक किस उद्देश्य की पूर्ति कर सकता है। और किस फैब्रिक पर कैसी प्रिटिंग हो सकती है जो अच्छी लगेगी। कौन से फैब्रिक पर कौन रंग चढ़ सकता है या कौन सा फैब्रिक किस हेतु प्रयोग किया जा सकता है। यह एक डिज़ाइनर ही निर्णय लेता है कि कौन-सा फैब्रिक किस लिए प्रयोग किया जाना चाहिए। किसी भी प्रैब्रिक पर डिज़ाइन या पैटर्न बनाने के लिए डिज़ाइनर बहुत से अलग-अलग डिज़ाइनर तैयार करता है और आधुनिक तरीकों से भी कम्प्यूटर सॉफ्टवेयरकी भी मदद लेता है। और फिर इन सबसे वह स्वयं जो डिज़ाइन सबसे अच्छा लगता है उसको चुन लेता है। बहुत से डिज़ाइनरों ने तो कोई भी एक Object लेकर उसमें विशेषता हासिल की हई होती है। कछ एक फर्नीचर विशेषज्ञ होते हैं तो कुछ एक डिज़ाइन विशेषज्ञ होते हैं तो कुछ एक प्रिन्ट करने में कौशल प्राप्त किए होते हैं।