Answer for ड्रेपिंग की सामान्य की क्या प्रक्रिया होती है
मलमल के टुकड़े काटे जाते हैं और डिज़ाइन के अनुसार तैयार किए जाते हैं। इनकी कटिंग से पूर्व इस Process में नाप, कपड़ा, फाड़ना ब्लॉक बनाना, प्रैस करना तथा निशान लगाना, ग्रेन लाइन का ध्यान रखना आदि जैसे किया जाता है। फैब्रिक को ड्रैस की आकृति में पिन-अप करते हैं जिसमें डार्ट्स भी देखी जाती है। जब इच्छित डिज़ाइन सामने आता है और ठीक-ठीक दिखाई देता है तो मलमल के कपड़े पर ही डार्ट्स सीम, Inlays and turning के सभी निशान लगा लेते हैं। और तब मलमल के कपड़े को ड्रेपिंग से उतार कर मेज़ पर फैलाकर देखते हैं और सभी निशान आगे व पीछे के भाग के गोलाइयां आदि को मिलाकर देखते हैं और सब ठीक-ठीक मिलने पर Inlays a lurning रखते हुए वास्तविक ड्रैस का कपड़ा काट लिया जाता है। अब उसे फैब्रिक के काटे गए हिस्सों को पिन करके फिट कर के डमी पर लटकाए जाते है। अब गारमैंट की फिटिंग को ठीक ढंग से फाइनल चैकिंग के लिए ड्रेप किया जाता है और उसमें अगर अभी भी कुछ कमी है तो वह निकाली जाती है और सभी निशान ठीक से लगाकर अब उसका फाइनल पैट्रन बना दिया जाता है। अगर डिज़ाइनर को इसमें कमी लगती है तो फिर से यह सारा Process किया जाता है।