Answer for तार कितने प्रकार के होते है ?

इसका पूरा नाम वेल्केनाईज्ड-इण्डियन रबड़ तार है। इसका उपयोग अधिकांशतः घरेलू विद्युतीय वायरिंग में किया जाता है। कण्ड्यूट पाईप वायरिंग तथा केसिंग केपिंग वायरिंग में सामान्यतः इन्हीं तारों का उपयोग किया जाता है।
 
सी.टी.एस. तार
सी.टी.एस. का पूरा नाम केबल टायर शीथ है। पानी और गर्मी के प्रभाव को पूरी तरह रोकने के लिये, तारों में किये गये रबड़ के इन्सुलेशन के ऊपर एक और सफेद रंग का कठोर इन्सुलेशन चढ़ाया जाता है। इस CTS तारों का उपयोग बैटन पट्टी वायरिंग के लिये किया जाता है। इस प्रकार के तार में एक, दो या तीन कोरें होती है।
 
पी.वी.सी. तार
इसका पूरा नाम पॉलीविनाईल क्लोराइड वायर है। इस प्रकार के वायर में तारों के उपर चढ़ाया जाने वाला इन्सुलेशन पी.व्ही.सी. का होता है। पी.व्ही.सी. रंगीन तथा रबड़ की तरह का लचकदार इन्सुलेशन होता है, जो मौसम के प्रभाव अर्थात् सर्दी-गर्मी को अच्छी तरह सहन कर सकता है। पी.व्ही.सी. तारों का उपयोग कन्ड्यूट वायरिंग, केसिंग केपिंग वायरिंग और बेटन पट्टी वायरिंग तीनों में ही किया जा सकता है।
 
फ्लेक्सिबल वायर
नाम से ही स्पष्ट है कि ये काफी लचीले तार होते हैं। इनमें इन्सुलेशन पी.वी.सी. का होता है। इस तार का उपयोग अस्थाई वायरिंग के लिये किया जाता| सामान्यत: इनका उपयोग स्थायी वायरिंग के लिये नहीं होता है। इनका उपयोग सामान्यत: वॉल-सॉकट से बाहरी कनेक्शन लेने के लिये किया जाता है। फ्लेक्सिबल वायर में मुख्यत: दो अलग-अलग तार होते हैं जो आपस में लिपटे हुये रहते हैं। कई बार दो इन्सुलेटेड फ्लेक्जिबल वायर्स को एक अन्य रबर या प्लास्टिक के इन्सुलेशन में लगाकर इसका एक केबल के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के केबल वायर का उपयोग पंखों, विद्युत प्रेस, टी.वी., वी.सी.आर., सी.डी. प्लेयर्स व अन्य इलेक्ट्रॉनिक समानों में मेन्स कार्ड के रूप में मुख्यता से किया जाता है।

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