Answer for नेटवर्क सर्वर से आप क्या समझते हैं?
कम्प्यूटर नेटवर्किंग में सर्वर वास्तव में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का एक मिलाजुला रूप होता है जिसे क्लाइंट के सेवा या सर्विस के लिये डिजाइन किया जाता है। यदि इसे आसान शब्दों में परिभाषित करने की कोशिश करें तो यह कह सकते हैं कि एक ऐसा कम्प्यूटर जिसमें सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टॉल होता है और जो अपने साथ अनेक क्लाइंट कम्प्यूटर को जोड़ सकता है और उनकी रिक्वेस्ट के अनुसार उन्हें सेवायें प्रदान करता है।
– यदि सर्वर के रूप में सॉफ्टवेयर की बात करें तो यह वास्तव में ऑपरेटिंग सिस्टम का ही एक रूप होता है। जो कम्प्यूटर सिस्टम को बूट करने से लेकर उसे नेटवर्किंग के लिये कनेक्टिविटी प्रदान करने जैसे रिसोर्स उपलब्ध कराता है।
– उदाहरण के लिये विंडोज़ XP एक सामान्य ऑपरेटिंग सिस्टम है तो आपके कम्प्यूटर को बूट करने के साथ-साथ उसे नेटवर्क से जोड़ सकता है और इंटरनेट से भी जोड़ सकता है, लेकिन यह ऑपरेटिंग सिस्टम आपके कम्प्यूटर को सर्वर में नहीं बदल सकता है। इसके लिये आपको अपने कम्प्यूटर में विंडोज़ सर्वर 2012 या ऐसे ही किसी अन्य संस्करण को इंस्टॉल करना होगा।
→ यदि सर्वर के रूप में कम्प्यूटर हार्डवेयर की बात करें तो सर्वर एप्लीकेशन के आधार पर सर्वरों के लिये आवश्यक हार्डवेयर अलग-अलग होते हैं। एब्सोल्यूट सीपीयू की गति साधारणत: किसी सर्वर के लिये उतनी महत्वपूर्ण नहीं होती है जितनी एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर के लिये होती है।
– एक ही नेटवर्क में अनगिनत यूजरों को सेवा प्रदान करना सर्वर का काम होता है जिससे तेज नेटवर्क कनेक्शन और उच्च । इनपुट-आउटपुट जैसी विभिन्न जरूरतें सामने आती हैं।
– चूंकि सर्वरों को साधारणत: एक ही नेटवर्क पर एक्सेस किया जाता है इसलिये ये बिना किसी मॉनीटर या इनपुट डिवाइस के हैडलेस मोड में चालू रह सकते हैं। इनमें उन प्रक्रियाओं का प्रयोग नहीं होता है जो सर्वर की क्रियाशीलता के लिये जरूरी नहीं हैं।
– कई सर्वरों में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस भी नहीं होता है क्योंकि यह अनावश्यक होता है और इससे उन संसाधनों की हानि या क्षरण: भी होता है जो कहीं न कहीं आबंटित होते हैं। इसी तरह से सर्वर में ऑडियो और यूएसबी इंटरफेस का होना भी जरूरी नहीं होता है।
– सर्वर अक्सर बिना किसी रूकावट और उपलब्धता के लंबे समय तक चालू रहता है लेकिन इसके लिये यह जरूरी है कि सर्वर में उच्च कोटि के हार्डवेयर का प्रयोग किया गया हो। इसी तरह के हार्डवेयर पर सर्वर पर निर्भरता और स्थायित्व टिका होता है।
– सर्वर में अत्यन्त उच्च कोटि का हार्डवेयर लगा हो यह तो जरूरी होता ही है इसके साथ ही यह भी जरूरी होता है कि इसकी कूलिंग व्यवस्था विश्वस्तरीय हो। इसमें ऐसे कूलिंग फैन इंस्टॉल होने चाहिये जो हवा, पानी और थर्मल वैक्स का प्रयोग करके सर्वर के सीपीयू तथा अन्य हार्डवेयर को लगातार ठंडा रख सकें।
साथ ही साथ इसे ऐसे उपकरण से जड़ा होना चाहिये जो बिना किसी बाधा के लगातार बिजनी सप्लाई कर सके। सर्वर के साथ यूपीएस सिस्टम इस तरह से जुड़े होने चाहिये कि यदि एक सिस्टम खराब हो तो दूसरा अपने आप ही चालू हो जाये और सर्वर को बंद न होने दे।
सर्वर में हमेशा उच्च कोटि की हार्ड डिस्क या डेटा स्टोरेज सिस्टम को प्रयोग करना चाहिये जिससे कि इसमें बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर किया जा सके और उसे तेजी से एक्सेस भी किया जा सके। हार्ड डिस्क को भी इस तरह से व्यवस्थित करना चाहिये जिससे कि एक के खराब होने की स्थिति में दूसरा अपने आप चालू हो जाये।
• सर्वर में हमेशा उच्च कोटि की ECC मेमोरी डिवाइसों को प्रयोद करना चाहिये जिससे कि त्रुटियों का पता अपने आप लगाया जा सके और उन्हें ठीक भी किया जा सके। इस बात हमेशा ध्यान रखें कि बिना ECC मेमोरी वाले डिवाइस डेटा को नुसान पहुंचा सकते हैं।