Answer for बहु-उत्पादन की क्या हानियाँ है
काम करते हुए बहुत बड़ा नुकसान भी कई बार उत्पादक को सहना पड़ता है। यदि तैयार माल की Quality में ज़रा सी भ. कमी आ गई तो महीनों तक माल यूँ ही पड़ा रहता है और मार्केट में पैसा भी अटक जाता है। कभी तो फैब्रिक अच्छा नहीं होता, कभी डिज़ाइन समय के अनुसार नहीं होता है या ग्राहक पसन्द नहीं करता है। ऐसी स्थिति में सारे माल को या तो Renovate कराना पड़ता है अथवा खरीद के भाव से भी कम करके बेचना होता है। जिससे Manufacturer को बहुत हानि उठानी पड़ती है। अतः हमेशा आर्डर बनवाने से पहले मार्केट सर्वे करनी बहुत आवश्यक होती है। तभी काम ठीक से चल सकता है। हमेशा Product की कीमत को बढ़ाने का प्रयास करते रहना चाहिए। उसके लिए यह ध्यान में रहे कि सभी कर्मचारी अपने कामों में ठीक से व्यस्त रहें। अपने काम समय से पूरा करें। काम में सफाई का ध्यान रखें। समय कम से कम लें और Apparell की सफाईसुन्दरता से किसी भी प्रकार का समझौता न करें। वर्कशॉप में सुपरवाइजर को अपना पूरा सहयोग सभी कर्मचारियों से रखना जरूरी है। कभी भी रौब से काम न करवाएं वरन सहयोग तथा प्रेम का वातावरण बनाकर रखें। परस्पर मेल हो। किसी भी तरह की दिक्कत को दूर करने का प्रयत्न करते रहें। कुछ बेसिक Steps है जिनका नीचे वर्णन किया जा रहा है-उनका ध्यान भी रखें
1. गारमेंट का एक पैटर्न फाइनल करके रखें ताकि कार्य में त्रुटि न आए।
2. अलग-अलग तरह के उत्पाद साथ-साथ चलने चाहिएं। एक ही उत्पाद के स्टाइल फीचर पर ही न अटकें।
3. सभी स्टाइल्स को अलग-अलग नामों से बनवाएं।
4. सभी वर्कर अपने-अपने Step के कामों को समय पर पूरा करें।
5. हर गारमेंट के सिलने के सैक्शन भी थोड़ी-थोड़ी दूरी पर होने चाहिएं।
6. सभी आर्डर का Raw Material, Fancy तथा Trimming भी पहले से लाई जाएं।
7. सिलाई शुरू कराने से पूर्व सारा raw materials वर्कर्स को ड्रैस के अनुसार बाँटा जाए।
8. Garment 07 Assembling, Finishing site Packing समय पर हो, ताकि डिलीवरी में देरी न होने पाए। अब संक्षेप में फैशन मार्केटिंग व मर्चेन्डाइजिंग की पूरी रूपरेखा भी जाननी जरूरी है।