Answer for बाज़ार वर्गीकरण कैसे होता है

विभिन्न प्रकार के उपभोक्ताओं की भिन्न-भिन्न आवश्यकताएँ होती हैं। उपभोक्ताओं की एक ही प्रकार की आवश्यकताओं के लिए अनेकों प्रकार की विशेषताओं से युक्त करके ही मार्केट में बेचने के लिए भेजा जाता है ताकि ग्राहक उत्पाद की ओर आकर्षित हो सकें और उसे खरीद सकें। उपभोक्तओं के विभिन्न विचारों से अपने Product की विशेषताएं, आवश्यकताएं, वस्तु की कीमत (कि वह कितने की खरीद सकता है) एवं कीमत निर्धारण की जानकारी प्राप्त होती है। मार्केट का उतार चढ़ाव, उसकी स्थिति यानि बनावट को बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए जिससे कि विभिन्न प्रकार के उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं की पूर्ति की जा सके। इस प्रक्रिया को चार भागों में विभक्त करते हैं
1. Defining the Total Market-बाज़ार का पूर्ण आकलन।
2. Segmentating the Market-मार्केट को आवश्यकतानुसार विभाजित करना।
3. Targeting the Opportunity-उचित अवसर के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करना।
4. Positioning a Potential Solution-संभावित हल या
परिणाम सुनिश्चित व अवस्थित करना। उपलिखित चारों बातों के आधार पर ही Market Segmentation सफलतापूर्वक की जा सकती है। मार्केट Segmentation में निम्न बातों का होना जरूरी है
(a) मार्केट की निवास-स्थानों से दूरी: मार्केट आवासों से इतनी दूर हो कि वहाँ आना जाना आसानी से हर वर्ग का व्यक्ति कर सकता हो।
(b) वितरण चैनलों और आवागमन द्वारा पहुँच में सुगमता (Accessible by Communication & Distribution Channels): मार्केट में दुकान या शो रूम ऐसे स्थान पर हों जहाँ आने जाने वाले लोगों को कोई बाधा पार न करनी पड़े। ग्राहक व दुकानदार का आपसी संवाद आसानी से हो सके। मर्केन्डाइज़ तथा आर्डर का माल देश के अन्दर व विदेश में डिस्पैच करने के साधन उपलब्ध हों।
(c) ‘मार्केटिंग मिक्स’ या विपणन मिश्रण (Marketing Mix): विपणन एक सतत प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स (उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन जिन्हें प्रायः 4 Ps. कहा जाता है) की योजना बनाई जाती है एवं कार्यान्वयन किया जाता है। यह प्रक्रिया व्यक्तियों और संगठनों के बीच उत्पादों, सेवाओं या विचारों के विनिमय हेतु की जाती है। विपणन को एक रचनात्मक उद्योग के रूप में देखा जाता है, जिसमें शामिल हैं विज्ञापन (advertising), वितरण (distribution) और बिक्री (selling) इसका सम्बन्ध ग्राहकों की भावी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं का पूर्व विचार करने से भी है, जो प्रायः बाजार शोध के माध्यम से पता लगाई जाती हैं। मूलतः, विपणन किसी संगठन को बनाने या निर्देशित करने की प्रक्रिया है, ताकि लोगों को सफलतापूर्वक वह उत्पाद या सेवा बेची जा सके जिसकी न केवल उन्हें ज़रूरत है बल्कि वे उसे खरीदने के इच्छुक भी हैं। इसलिए अच्छा विपणन इस काबिल होना चाहिए कि वह उपभोक्ताओं हेतु एक “प्रस्ताव” लाभों का सेट बना सके, ताकि उत्पादों या सेवाओं के माध्यम से ग्राहक को उसके पैसे का मूल्य अदा किया जा सके।
(d) टिकाऊपन (Durability): उत्पाद अच्छे स्तर का तथा स्थाई व टिकाऊ किस्म का होना चाहिए। ताकि उत्पाद की विश्वसनीयता ग्राहकों पर जम सके और वे दोबारा भी सामान को खरीदने का मन बना सकें।

(e) पर्याप्त रूप से लाभदायक (Substantial enough to be Profitable): मार्केट में भेजा जाने वाला हर उत्पाद ऐसा हो जिसको व्यापार करने वाले लोग बेचकर समुचित लाभ कमा सकें। सभी की इच्छाओं को जानना वास्तव में कठिन है। ग्राहकों की इच्छा को जानना कोई सरल काम नहीं है। दूसरी बात यह है कि विशेष उपभोक्ता कोई विशेष सामान को या उत्पाद को ही क्यों खरीदना चाहता है, यह पता होना भी जरूरी है। ताकि उसी अनुसार उत्पादक अपने उत्पाद पर ध्यान दे सकें।

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