Answer for बुनावटदार किसे कहते है
फैब्रिक की बुनावट हमेशा उसके बनाए गए yarn पर निर्भर करती है। जितने अधिक तरह के yarn बनते हैं, original या Mix, उन सब का उनकी बुनाई पर, फैब्रिक की बनावट पर मोटा या पतला, चिकना या खुरदुरा (rough) फैब्रिक तैयार होता है। बुनाई के अनेको तरीके जो प्रयोग किए जाते हैं जैसे सादी बुनाई, बास्केट बुनाई, ट्वील बुनाई, रिब बुनाई, हकबैक तथा हनीकॉम्ब बुनाई आदि सभी तरीके अलग-अलग तरह के फैब्रिक बनाते हैं। बुनाई का अर्थ ही दो या दो से अधिक yarn को आपस में अलग-अलग तरीकों से गूंथेन का नाम है जिससे फैब्रिक तैयार होते हैं। और तभी अलग-अलग फैब्रिक के नाम पड़ जाते हैं। जिसकी अपनी-अपनी बुनाई व yan के आधार पर मार्केट में कीमत रखी जाती है। हमेशा कपड़े की बनावट, उसका yam, उसकी चमक, तथा देखने में कैसा लग रहा है, यह सब बातें ही उसकी कीमत का निर्धारण करती हैं। इन की बुनावट से, रेशों से तथा Thread count के आधार पर ही इन फैब्रिक्स का हल्का या भारी होना निश्चित होता है और हमेशा मोटे फैब्रिक्स से Lower Body garments बनाए जाते हैं। यह भारी भी होते हैं तथा हल्के कपड़ों से Upper Body Garments बनाए जाते हैं जो कि विशेष तौर पर बच्चों के तथा महिलाओं के कपड़ों के लिए प्रयोग किए जाते हैं। संक्षेप में यह कहना होगा कि फैब्रिक का चुनाव बहुत सोच समझ कर किया जाना चाहिए। ताकि उद्देश्य के अनुसार जो भी चुनाव करें वह ठीक रहे। यदि फैब्रिक के चुनाव में परेशानी हो और चुनाव ठीक से नहीं किया जा सके तो सदैव दुकानदार की सहायता लेनी चाहिए क्योंकि उन लोगों को इस बात का पूरा अन्दाज़ा होता है कि कौन सा वस्त्र किसलिए लिया जाना चाहिए। क्योंकि दुकान पर तो अनेकों रंग, अनेकों डिजाइन के कपड़े मिलते हैं।