Answer for बैट्री की मेंटेनेंस कैसे करे
लैड-एसिड बैट्रीज का रख-रखाव अत्यन्त आवश्यक है अन्यथा वे कुछ ही समय में कार्य के अयोग्य हो जाती हैं। इस विषय में निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना चाहिए
(i) बैट्री की चार्जिंग और डिस्चार्जिंग की दर 12 एम्पियर से अधिक अथवा Ah/10 से अधिक नहीं होनी चाहिए। विशेष अवस्था में डिस्चार्जिंग दर 25 एम्पियर तक भी हो सकती है। इससे अधिक चार्जिंग/डिस्चार्जिंग दर पर बकलिंग दोष पैदा हो जायेगा।
(ii) नई बैट्री से अधिक कार्य लेना चाहिए जिससे कि वह रवाँ (smooth) हो जाए।
(iii) सप्ताह में एक बार बैट्री को अवश्य ही चार्ज तथा डिस्चार्ज करते रहना चाहिए अन्यथा लम्बे समय तक डिस्चार्ज अवस्था में पड़े रहने से बैट्री में सल्फेशन दोष पैदा हो जायेगा।
(iv) समय-समय पर बैट्री में आसुत जल (distilled water) डालते रहना चाहिए और उसकी प्लेटें इलैक्ट्रोलाइट में पूरी तरह डूबी रहनी चाहिए अन्यथा प्लेटों का इलैक्ट्रोलाइट से बाहर निकला भाग अक्रिय हो जायेगा।
(v) बैट्री में आसुत जल ही डालना चाहिए। साधारण जल डालने से जल में मिली अशुद्धियाँ जल के बार-बार वैद्युत-अपघटन (electrolysis) होने के कारण पृथक होकर बैट्री की तली में एकत्र हो जायेंगी और सेडीमेन्टेशन दोष पैदा कर देंगी।
(vi) बैट्री के दोनों टर्मिनल्स को समय-समय पर गर्म पानी से भीगे कपड़े से साफ करके और सुखा कर उन पर ग्रीस लगाते रहना चाहिये अन्यथा वायु और बैट्री की नमी से टर्मिनल्स पर कोरोजन (corrosion) दोष पैदा हो जाता है।
(vii) बैट्री के इलैक्ट्रोलाइट का आ घ० 1.18 से कम रह जाने पर उससे काम लेना बन्द कर देना चाहिए अन्यथा बैट्री को दुबारा चार्ज करना कठिन हो जाएगा।
(viii) चार्जिंग के समय बैट्री के वैन्ट-प्लग (vent-plug) खोल देने चाहिएँ जिससे कि चार्जिंग क्रिया में निकलने वाली गैसें सरलता से बाहर निकल सकें।
(ix) बैट्री चार्जिंग का स्थान पृथक होना चाहिए और वहाँ हवा का सुगम आवागमन होना चाहिए जिससे चार्जिंग के समय निकली गैसें वहाँ घुटन पैदा न कर दें।
(x) बैट्री का रख-रखाव पूरे दायित्व के साथ करें और उसका लिखित रिकार्ड रखें अन्यथा विपत्ति के समय बैट्री धोखा दे सकती है।