Answer for यूजर और ग्रुप से आप क्या समझते है

कम्प्यूटर के संदर्भ में यूजर वह व्यक्ति होता है जो कम्प्यूटर और नेटवर्क सर्विसेज को प्रयोग करता है। कम्प्यूटिंग में सिस्टम को और सॉफ्टवेयर उत्पाद को समझकर पर प्रयोग करते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि इन्हें इसकी तकनीकी समझ हो । जब यूजर काफी समय से इन्हें प्रयोग कर रहा होता है तो उसे एडवांस यूजर कहते हैं और वह तब तक सॉफ्टवेयर की अनेक विशेषताओं को प्रयोग करने लगता है। ऐसे यूजर को पॉवर यूजर कहते हैं। पॉवर यूजरों के लिये भी यह जरूरी नहीं है कि उन्हें प्रोग्रामिंग आती हो या सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन आता हो।
 
– जब से इंटरनेट का चलन शुरू हुआ है तब से इंटरनेट को प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी यूजर की श्रेणी में आ गया है। कम्प्यूटिंग या इंटरनेट में प्रत्येक यूजर का एक खाता या एकाउंट होता है जो उस यूजर को उसके युजरनेम से पहचान सकता है।
 
किसी भी खाते में एंटर या लॉग-इन करने के लिये एक यूजर आमतौर पर एक पासवर्ड या लेखांकन, सिक्योरिटी के उद्देश्य से और अपनी सही पहचान बताने के लिये प्रयोग करता है।
 
यूजर या प्रयोगकर्ता को एक ऐसे वर्ग के रूप में देखा जाता है जो कम्प्यूटर सिस्टम का प्रयोग करते हैं वह भी बिना इस बात की गहन जानकारी के कि वह कैसे काम करता है।
 
→ यूजर का एकाउंट एक यूजर को किसी सिस्टम के प्रयोगकर्ता के लिये सत्यापित करता है और जब सत्यापन का कार्य पूता हो जाता है तो यूजर उन सेवाओं को प्रयोग कर सकता है जिन्हें कम्प्यूटर द्वारा प्रदान किया जा रहा है।
 
– कम्प्यूटिंग में यूजर के संदर्भ में एक और शब्द का प्रयोग किया जाता है जिसे End User कहते हैं। सामान्य बोल-चाल की भाषा में इसे ऑपरेटर भी कहते हैं। यह किसी सॉफ्टवेयर का ऑपरेटर होता है।
 
कम्प्यूटर के शुरूआती दिनों में पर्सनल कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता था लेकिन अब ऐसे नहीं रहा है। इंटरनेट ने कम्प्यूटिंग के स्वरूप को पूरी तरह से बदल दिया है और आप भौतिक रूप से किसी नेटवर्क से भले ही न जुड़े हों, यदि किसी भी रूप में (वाई-फाई, मोबाइल) इंटरनेट को प्रयोग करते हैं तो आप नेटवर्क कम्प्यूटिंग का हिस्सा हैं।
 
→ नेटवर्क कम्प्यूटिंग का विशेषता यह होती कि आप किसी अन्य सिस्टम से यूचनाओं को एक्सप्लोर कर सकते हैं और कोई अन्य भी आपके सिस्टम से सूचनाओं को एक्सप्लोर कर सकता है। ऐसी अवस्था में सिक्योरिटी, एडमिनिस्ट्रेशन, लॉगइन और रिसोर्स मैनेजमेंट जैसे जरूरतें सामने आती हैं। इनकी वजह से जहां आप अपने सिस्टम और उसमें स्टोर सूचनाओं को सिक्योर कर सकते हैं वहीं पर नेटवर्क से जुड़े अन्य यूजरों को इस बात के लिये प्रतिबंधित कर सकते हैं कि वे आपके सिस्टम के कितने रिसोर्स प्रयोग कर सकें।
 
– यही कारण है कि नेटवर्क कम्प्यूटिंग में सिस्टम को प्रयोग करने के लिये आपको एक खाता खोलना होता है। इसे एकाउंट या यूजर एकाउंट के नाम से जाना जाता है। खाता खोलने के अनुमति सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा प्रदान की जाती है और यह एडमिन यह भी निर्धारित करता है कि आप सिस्टम के कितने रिसोर्स प्रयोग कर पायेंगें।
 
→ सिस्टम में लॉग-इन करने के लिये आपके पास यूजर नेम और पासवर्ड का होना आवश्यक है। इसी यूजर नेम और पासवर्ड से सिस्टम आपको पहचानेगा। यह वास्तव में यूजर की पहचान होता है। जब आप अपनी ई-मेल को चैक करते हैं तो आपको इसकी तरह से यूजरनेम और पासवर्ड का प्रयोग करना होता है। ठीक इसी तरह से नेटवर्क या इंटरनेट कम्प्यूटिंग में सिस्टम को प्रयोग करने के लिये आपका एकाउंट, यूजरनेम और पासवर्ड होना जरूरी होता है।
 
– आप यदि कम्प्यूटर पर काफी समय से काम कर रहे हैं तो इस बात से परिचित होंगे कि पहले अस्सी और नब्बे के दशक में सिंगल यूजर सिस्टमों का प्रयोग किया जाता था, इन सिस्टमों में यूजर और यूजर एकाउंट इत्यादि की जरूरत ही नहीं होती थी। जब से मल्टी यूजर सिस्टमों का चलन प्रारम्भ हुआ है तब से यूजर नेम और यूजर एकाउंट अनिवार्य हो गये हैं। आज के समय में सभी ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर नेम और पासवर्ड जैसी सुविधाओं से लैस होते हैं।
 
यदि आपका कम मल्टीयूजर कम्प्यूटर सिस्टम या नेटवर्क से जुड़े कम्प्यूटर पर समाप्त हो गया है तो आपको सिस्टम को बंद करने से पहले लॉग-आउट करना होगा। इससे आपके द्वारा खोली गयी सभी फाइलें बंद हो जायेंगी और वे सॉफ्टवेयर भी क्लोज हो जायेंगे जिनमें आप काम कर रहे थे। यदि आप किसी सॉफ्टवेयर या फाइल को बंद करना भी भी गये हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम खुद ही इन्हें बंद कर देता है।

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