Answer for रफू किसे कहते है तथा ये कितने प्रकार की होती है

(a) आकार के अनुसार रफू करना – जब कपड़ा जिस आकार में भी फटे, चाहे चौरस, तिकोन, गोल। उसको उसी आकार में रफू करके बाकी कपड़े के साथ मिलाने को चौरस या तिकोन रफू कहते हैं। रफू करने के लिए धागा उसी में से निकालना चाहिए। अगर सुविधा नहीं है तो उसी रंग का धागा मिलाना चाहिए। फटे हुए भाग के दोनों सिरों को मिलाने के लिए टांकों से पहले ताना बनाना चाहिए, तत्पश्चात् आड़े टांकों से बाना बनाते हुए चटाई के समान एक धागा नीचे और एक ऊपर उठाते हुए बुनाई करनी चाहिए। इस प्रकार कपड़ा पहनने योग्य हो जाता है। रफू करके उसको अच्छी प्रकार दबा कर प्रैस करनी चाहिए।

(b) स्लैश रफू (Slash Darn)- तेज धार वाली किसी वस्तु से जब कपड़ा कट जाता है तो उसको रफू करना आवश्यक होता है। कपड़ा आड़ा, सीधा, तिरछा किसी भी आकार में कट सकता है। कट वाले स्थान के किनारों को परसूज द्वारा मजबूती दे कर रफू करते हैं या दोनों किनारों को फिश बोन स्टिच द्वारा जोड़कर फिर रफू करते हैं।

(c) मजबूती प्रदान करने वाला रफू (Reinforced Darn) जब कपड़े का कोई हिस्सा, जो अधिक प्रयोग होता है घिस जाता है तो परसूज के टांकों द्वारा ताना बाना दोनों में उस हिस्से को मजबूती दी जाती है, ताकि वह वस्त्र और प्रयोग हो सके। उसी को Reinforced Darn के नाम से जाना जाता है।
(d) एक तरफा रफू (One Way Darn) – ऐसे कपड़े जिनका ताना या बाना एक ही प्रकार के रेशों से नहीं बनता है, और घिस जाते हैं उसको रफू करने के लिए एक ही दिशा में टांके लिए जाते हैं। इसीलिए इसे एक तरफा रफू कहते हैं। अधिक कपड़ा छन जाने अर्थात् हल्का हो जाने पर नीचे कपड़ा रख कर भी एक तरफा रफू करते हैं।

(e) कोने के आकार वाला रफू (Corner Darn) – कभी-कभी कील से या कांटों में उलझ जाने से कपड़ा “L” आकार में फट जाता है। इस पर भी पहले कोना मिला कर फिश बोन स्टिच करते हैं, तदुपरान्त उस पर रफू किया जाता हैI

(f) मशीनी रफू (Machine Darn) – जब सीधा कपड़ा ही फट जाए, तो उसके नीचे उसी मेल का कपड़ा रख कर कच्चा कर लेते हैं। फिर मशीन से जिग-जैग के रूप में महीन-महीन बखिए लगा लेते हैं।

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