Answer for रिकर्शन और डोमेन नेम सिस्टम कैसा होता है
→ डेलीगेशन में नेम सर्वर आईपी पते (IP Address) से सूचीबद्ध होने के बजाए नाम से प्रदर्शित होते हैं। इसका अर्थ यह है कि एक रिसोल्विंग नेम सर्वर को एक निर्दिष्ट किये गये सर्वर के आईपी पते को सर्च करने के लिये एक अन्य DNS रिकवेस्ट अवश्य भेजना चाहिये। चूंकि इस कारण से सर्कुलर निर्भरता की स्थिति पैदा हो सकती है।
– यदि एक डोमेन के तहत एक नेम सर्वर को निर्दिष्ट किया जाये जो इसके अधीन है तो यह आवश्यक है कि ऐसे मामले में नेम सर्वर डेलीगेशन को अगले नेम सर्वर का आईपी एड्रेस भी जरूर प्रदान करे। यह रिकार्ड एक ग्लू रिकार्ड कहलाता है।
• उदाहरण के लिये मानिये कि एक सब-डोमेन en.asian.org के और भी उप-डोमेन हैं। जैसेकि something.en.asian.org और इनका आधिकारिक नेम सर्वर ns1.something. en.asian.org है। एक कम्प्यू टर जो ns1.something. en.asian.org को सर्च करने का प्रयास कर रहा है, उसे पहले something.en.asian.org को सर्च करना होगा।
– चूंकि ns1 भी something.en.asian.org उपडोमेन के अंतर्गत है, इसलिये ns1.something. en.asian.org को सर्च करने के लिये something. en.asian.org को सर्च करना होगा जोकि निश्चित तौर पर एक रिकर्शिव या सर्कुलर निर्भरता है जैसा कि आप ऊपर पढ़ चुके हैं। इस निर्भरता को ग्लू रिकार्ड के द्वारा तोड़ा जाता है जोकि रिक्वेस्ट करने वाले सीधे ही ns1.something. en.asian.org का पता प्रदान करता है जो ns1.something. en.asian.org को बूटस्ट्रैप प्रक्रिया के द्वारा सर्च करने की प्रक्रिया के लिये सक्षम बनाता है।