Answer for रिमोट एक्सेस किसे कहते है

कम्प्यूटर डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम में किसी रिमोट या दूरस्थ लोकेशन से कनेक्शन का निर्माण करना रिमोट एक्सेस कहलाता है। उदाहरण के लिये VPNI नेटवर्क में इस तरह के एक्सेस के लिये कम्प्यूटर, मॉडेम और कुछ रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयरों की जरूरत होती है।
 
– रिमोट एक्सेस के संदर्भ में प्रयोग होने वाले रिमोट डेस्कटॉपसॉफ्टवेयरों का प्रयोग एक तरह से ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम्स के रूप में होता है जो एप्लीकेशन्स को किसी भी सर्वर पर दूर (remotely) से रन कर सके और उसे ग्राफिकली डिस्प्ले कर सके।
 
→ जब रिमोट सिस्टम में किसी इंटरफेस को प्रयोग करते हैं तो टर्मिनल इम्यूलेशन के नाम से जानते हैं। इसमें जिन स्टैंडर्ड टूल्स को प्रयोग किया जाता है उनमें निम्न दो सबसे ज्यादा प्रमुख हैं
 
टेलनेट (Telnet): यह एक तरह का सॉफ्टवेयर होता है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर सिस्टम को कंट्रोल करने के लिये होता है।
 
– एसएसएच (ssh): यह एक सुरक्षित या सिक्योर शेल होता है जिसका प्रयोग रिमोट एप्लीकेशनों के साथ किया जाता है।
 
– जब डॉस को ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में प्रयोग किया जाता था तब उस पर प्रयोग होने वाले बलेटिन बोर्ड सिस्टमों के लिये भी रिमोट एक्सेस तकनीक का प्रयोग किया जाता था।
 
– जब व्यवसायिक परिसर से बाहर बिजनेस टेलीफोन सिस्टम को एक्टीवेट करते हैं तो इसमें भी रिमोट एक्सेस तकनीक को प्रयोग करते हैं।
 
– जब डेटाबेस को एक्सेस करने के लिये प्रोटोकॉल का प्रयोग करते हैं तो इसमें भी रिमोट एक्सेस तकनीक का प्रयोग होता है और यह तकनीक रिमोट डेटाबेस एक्सेस कहलाती है।
 
– सामान्य शब्दों में कह सकते हैं कि वह तकनीक जिसका प्रयोग करके किसी अन्य लोकेशन पर रखे कम्प्यूटर को कंट्रोल किया जा सके रिमोट एक्सेस कहलाता है। इसमें जिन सॉफ्टवेयरों का प्रयोग होता है वे आपको रिमोट एडमिनिस्टेशन की अनमति प्रदान करते हैं। यह पर रिमोट लोकेशन का अर्थ होता है किसी अन्य कमरे में रख्खे कम्प्यूटर या फिर दुनिया के किसी दूसरे कोने में रखे कम्प्यूटर।
 
– रिमोट एक्सेस के लिये आपको एक ऐसे कम्प्यूटर की जरूरत होगी जिसमें इंटरनेट कनेक्शन हो। यह या तो TCP/IP से ___ जुड़ा हो या फिर लोकल एरिया नेटवर्क से जुड़ा हो।
 
– इसमें जब क्लाइंट किसी होस्ट कम्प्यूटर से कनेक्ट होता है तो एक विंडो होस्ट कम्प्यूटर के डेस्कटॉप पर आती है। इसके बाद क्लाइंट आसानी होस्ट कम्प्यूटर को कंट्रोल कर सकता है जैसे वह इसके सामने ही बैठा हो।
– यदि आप रिमोट एक्सेस तकनीक को प्रयोग करना चाहते हैं तो आपको होस्ट सिस्टम में सर्वर सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल या इनेबल करना होगा। इसके बाद ही यूजर या क्लाइंट किसी भी अन्य कम्प्यूटर से आसानी से एक्सेस कर सकता है। लेकिन इस अन्य या दूसरे कम्प्यूटर में भी सर्वर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होना चाहिये।
 
– यहां पर आपको भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है। होस्ट और क्लाइंट दोनों सिस्टम ही इंटरनेट से कनेक्ट होने चाहिये और होस्ट/सर्वर सिस्टम का आईपी एड्रेस (IP) जरूर मालूम होना चाहिये।
 
• रिमोट एक्सेस सिस्टम में डॉयल-अप मॉडेम का प्रयोग सपल नहीं होता है क्योंकि ये लगातार ऑनलाइन नहीं रह पाते हैं। ऐसे में आपको डायनामिक आईपी एड्रेस को सपोर्ट करने वाले ADSL मॉडेम प्रयोग करने चाहिये ताकि रिमोट एक्सेस का काम आसानी से किया जा सके।
 
विंडोज़ के XP संस्करण से ही माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें बिल्ट-इन रिमोट एडमिनिस्ट्रेशन पैकेज को जोड़ दिया है और इसे रिमोट डेस्कटॉप कनेक्शन का नाम दिया है।

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