Answer for वस्त्रों का चुनाव एवं खरीदारी कैसे की जाती है
लेखक इरविन ने अपनी पुस्तक क्लोदिंग फॉर द मॉडर्न (Clothing for the Modern) À foran for “Clean cut clothes provide the assurance that lead to success in every walk of life.” इरविन का यह कथन बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होता है कि जीवन की दौड़ में (रेस में) अच्छे बने हुए वस्त्र पहनने से व्यक्ति में एक आत्मविश्वास जागृत होता है जो उसे सफलता तक ले जाता है। अत: वस्त्रों को खरीदते समय रेशे के गुण, मज़बूती, बुनाई, रंग का पक्कापन, सिकुडना, फिनिशिंग आदि सभी को ठीक से परखने के लिए कुछ
और तकनीकी परीक्षण तथा अपने एवं दूसरे के अनुभवों से सहायता मिलती है। दूसरी बात यह भी ध्यान रखनी चाहिए कि वस्त्र किसके लिए और क्या बनाना है। ताकि उसका रूप, रंग, आयु, सामाजिक पद तथा आकृति सभी को ध्यान में रखते हुए कपड़ा खरीदा जाए। तीसरे, डिज़ाइन की पूर्व योजना अवश्य ही बनी होनी चाहिए। ताकि उसी हिसाब से कपड़ा पसन्द करके लिया जाए। वस्त्र के डिज़ाइन के आधार पर सैद्धान्तिक प्रयोग करके बनाए गए परिधान के स्टाइल में एक विशेष आकर्षण होता है। इसी कारण वस्त्रों को अधिक आकर्षित बनाने का प्रयत्न किया जाता है। आजकल विज्ञापनों में भी बहुत से आकर्षक डिज़ाइन दिखाए जाते हैं, उनके अनुसार फैशनेबल लोग वस्त्र बनवाने के शौकीन हो गए हैं। ताकि यदि वे मॉडलिंग की दुनिया में जाना चाहें तो आसानी से चुने जा सकें। संक्षेप में “अनुकूल क्षणों में अनुरूप कपड़े” तथा “मोहक क्षणों में मोहक परिधान” का अनुकरण करने वालों के मन में आत्मविश्वास चमकता है। इसी कारण उनमें ऐसा आकर्षण उत्पन्न हो जाता है जो सभी के ध्यान को बरबस ही खींच लेता है। और ऐसा सुरूचिपूर्ण वस्त्र का चुनाव करने वाला अपने पद में या व्यवसाय में सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जाता है। Caroline Wingo के शब्दों में भी “Proportion, balance, rhythm, harmony, emphasis and centre of interest are not abstract art terms, they are standards or scales, by which you may evaluate or weigh your clothing selection. If your costume has good proportion, its balance is restful, its rhythm is interesting; if it emphasizes your best features and its interest is centred, so as to make you more fashionable and attractive; then and only then, can you say you have a successful costume.”
कारॉलिन विंगो जी के इन शब्दों के आगे तो कुछ भी कहना व्यर्थ सा ही लगता है। परिधान-रचना एवं डिज़ाइन के द्वारा ही व्यक्ति आकर्षण का केन्द्र बन सकता है। ड्रेपिंग (Draping): फैशन डिजाइन का एक महत्त्वपूर्ण भाग ड्रेपिंग है। किसी भी वस्त्र के डिज़ाइन को विकसित करने का यह एक सरल तरीका है जिसमें ऑल पिनों के द्वारा स्कैच पर या डमी पर कपड़ा लगाकर ड्रेप करते हैं। इस प्रकार से कपड़ा लगाने पर वस्त्र का जो डिजाइन बनता है वह पसन्द आने पर वस्त्र के लिए सिलाई का पैटर्न बन जाता है। फैशन ड्रेपिंग तथा वस्त्र की फिटिंग प्रायः मलमल के कपड़े पर डिज़ाइन व फिटिंग देखने के लिए की जाती है। यह काम वास्तविक फैब्रिक पर न करके उस मलमल फैब्रिक पर ही करते हैं अथवा ऐले बहुत से अलग-अलग वज़न में तैयार किया जाता है अतः जो भी वास्तविक फैब्रिक के अनुसार हो उस पर वस्त्र का Original design बनाया जाता है। फैशन डिजाइनर गारमैंट को अलग-अलग भागों में अर्थात् बॉडी के अलग-अलग भागों में आगे का बॉडी भाग पीछे का भाग, की स्कर्ट तथा पीछे की स्कर्ट के हिस्से को वस्त्र के डिजाइन के मुताबिक एक सार करके लटकाकर देखते हैं।