Answer for सजावटी सामान किसे कहते हैं

वस्त्रों की सिलाई करना एक कला है। इस कला में निखार लाने के लिए कुछ ऐसी वस्तुएँ हैं, जिनको प्रयोग करने से वस्त्र की खूबसूरती में चार चाँद लग जाते हैं। चाहे कितना ही साधारण कपड़ा क्यों न हो? यदि उसमें मैचिंग का धागा, फैन्सी बटन, लेस, पाईपिंग, मोटिफ आदि का प्रयोग करें, तो वह बहुत सुन्दर बन जाएगा। तात्पर्य यह है कि वस्त्र को सिलने में धागे के अतिरिक्त जो फैन्सी आवश्यक सामान प्रयोग किया जाता है, उसे दर्जी भाषा में ट्रिमिंग या (Trimming) सजावटी सामान कहते हैं।

1. स्वनिर्मित ट्रिमिंग : अपने हाथों से बनाई गई सजावट की सामग्री ही स्वनिर्मित ट्रिमिंग कहलाती है। जैसे कढ़ाई, पेंटिंग, स्मोकिंग, हनीकॉम्ब, डार्ट्स, प्लीट्स आदि।

2. रेडीमेड ट्रिमिंग : बाज़ार से तैयार सजावटी सामान लाकर वस्त्र पर सजावट के लिए जो लगा दिया जाए, वह बनी बनाई ट्रिमिंग कहलाती है। जैसे लेस, फीता, रिब्बन, मोटिफ आदि। टेलरिंग में ट्रिमिंग की आवश्यकता : निम्न आवश्यकताएं

(a) वस्त्रों की सजावट के लिए : वस्त्र की शोभा को द्विगणित करने के लिए तथा उसका आकर्षण बढ़ाने हेतु हम ट्रिमिंग का प्रयोग करते हैं।

(b) वस्त्रों की कीमत बढ़ाने के लिए : यदि रैडीमेड वस्त्र दुकान पर बेचना है तो उससे लाभांश अधिक लिया जा सकता है। अगर सिलाई का ही मेहनताना लेना है जो भी अच्छी मिल सकती है, क्योंकि वस्त्र देखने में सुन्दर लग रहा है।

(c) गलती में सुधार के लिए : कई बार कटिंग करते समय वस्त्र में कोई गलती हो जाती है तो उसे सुधारने के लिए लेस, फीता वगैरा जोड़ों पर लगा देने से डिज़ाइन का डिज़ाइन बन जाता है और वस्त्र की खूबसूरती बढ़ने के साथ ही साथ वह दोष भी छुप जाता है।

(d) दुकान के नाम को लोकप्रिय करने के लिए : सजावटी सामान लगे हुए वस्त्र जब दुकान के शो-केस में सजे हुए होंगे, तो दर्शकों को स्वयं ही अपनी ओर आकर्षित करेंगे। इससे दर्जी तथा दुकान दोनों का ही यश बढ़ेगा।

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