Answer for सिंगलफेस तथा पॉलीफेन्स (या बहफेस) सिस्टम क्या होता है ?

सामान्यत: उपयोग में लायी जाने वाली AC सप्लाई में दो तार होते हैं। इनमें से एक तार फेस तथा दुसरी न्युट्रल की होती है। AC सप्लाई के इस प्रकार के दो तार वाले सिस्टम को सिंगल फेस सिस्टम कहते हैं। लेकिन जिस AC सप्लाई सिस्टम में दो या उससे अधिक फेस उपयोग में लाये जाये हैं उन्हें बहफेस सिस्टम या पॉलीफेस सिस्टम कहा जाता है। इस सिस्टम में सामान्यत: दो या तीन फेसों का उपयोग किया जाता है। इन दोनों या तीनों फेसों में से प्रत्येक फेस की वोल्टेज तथा फ्रिक्वेंसी एक समान होती है। जब किसी कल-कारखानों या बिल्डिंग में विद्युत की खपत अधिक होती है तो वहाँ एक से अधिक फेस अर्थात् बहफेस सप्लाई दी जाती है।
डबल फेस सिस्टम में बिजली के खंभे से दो या तीन तारें आती हैं। डबल फेस सिस्टम में जब केवल दो तारें ही आते हैं तो वे दोनों तार फेस के तार होते हैं। इसमें न्युट्रल का तार नहीं होता है। न्युट्रल को जमीन में गढ़ा खोदकर वहाँ एक तार लगाकर बनाया जाता है। लेकिन जब डबल फेस सिस्टम में विद्युत खंभे से तीन तारें आती हैं तो इनमें से दो तार फेस की तथा एक तार न्युट्रल की तार होती है। । ठीक इसी प्रकार थ्री फेस सिस्टम में बिजली के खंभे से तीन या चार तारें आती है। जब तीन तारें आती है, तो वे तीनों तारें फेस की तारें होती है, इसमें न्युट्रल के लिये जमीन में गल्ला खोदकर वहाँ तार लगाकर उसे ऊपर निकाल लिया जाता है, यही तार न्युट्रल का होता है। जब विद्युत खंभे से चार तारें आती है, तो उनमें से तीन तारें फेस की तथा चौथी तार न्युट्रल की होती है। डबल फेस प्रणाली की तुलना में श्री फेस प्रणाली ज्यादा लाभदायक सिद्ध हुई है। इसलिये बहुफेस सिस्टम में श्री फेस का ही उपयोग सर्वाधिक किया जाता है।

Back to top button