Answer for Sources of Design Instpiration and Conceptualization क्या होता है

किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए बहुत से विचार मन में आते हैं, किन्तु उनको सोच विचार के सही तरीके से कार्य करने के लिए बहत से सिद्धांत होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है। जैसे गारमैंट डिजाइनर को काम में उत्कृष्ठता (Perfection) लाने के लिए निम्नलिखित सिद्धांतों को ध्यान में रखना पड़ता है

1. कला (Art): अपने विषय में पूर्ण निपुण डिजाइनर, जिसको अपनी कला की पूरी जानकारी हो, वही अपनी कला में कुछ विशेष कार्य करके दिखा सकता है। क्योंकि An की पूरी जानकारी से ही डिज़ाइनरों में आधुनिकता, नवीनता तथा काम में सफाई आ सकती है। मनुष्य के अनुभवों के आधार पर ही किसी भी कार्य में रचनात्मकता एक रहस्यपूर्ण कला होती है। और अनुभव बढ़ने के साथ-साथ ही यह विकसित होती है। जब कोई ट्रेनी अपने सीखने बढ़ने के विषय में कैरियर बनाना चाहे तो मुख्यत: उसकी रचनात्मक बुद्धि का ही कमाल होता है उसी के द्वारा वह विशेषता हासिल कर सकता है।

2. Galleries and museums: अपनी कला को और प्रखर बनाने के लिए एक आर्टिस्ट गैलरी या म्यूज़ियम की सहायता भी ले सकता है। उसमें प्राचीन व नवीन दोनों का समावेश होता है। उसको देखकर वह जो कुछ बनाना चाहे उसमें नवीन व प्राचीन दोनों का समन्वय कर सकता है। इसके अतिरिक्त इन स्थानों में अलग-अलग आर्टिस्ट अपनी प्रदर्शनी भी लगाते हैं। उनके कार्यों को देखना, अपनी Exibition को वहाँ लगाना अन्य कारीगरों से मिलना तथा उनके कामों को देखकर अपने कामों में भी अन्य के डिज़ाइन का समावेश करना भी हो सकता है।

3. Internet: आज के कम्प्यू टर युग में, इसी की मदद से Internet द्वारा अपनी कला की जानकारी विस्तार से लेने के लिए तथा प्राचीन समय से आज तक के परिवर्तनों को देखने के लिए यह सबसे सरल तरीका है। कुछ वर्षों पूर्व यह सहूलियत नहीं थी। इन्टरनेट के द्वारा आज के समय में रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए, Wikipedia के पृष्ठ को भी पढ़ा जा सकता है और Youtube से भी अपनी कला का विकास किया जा सकता है। आजकल Internet द्वारा एक क्रांति-सी छाई है जिसमें सारी सूचनाएं, जानकारियां तथा जो चाहो वह ढूँढा जा सकता है।

4. Film: आज की 20वीं सदी में कुछ आलोचक फिल्मों को कला के नाम पर सर्वोत्कृष्ट उदहारण के रूप में मानते हैं। पुरानी हर प्रकार की फिल्मों में रंगों की विविधता, हर देश का, राज्य का त्यौहार, वहाँ के ड्रैसेज पहनने का ढंग सभी कुछ तो फिल्मों में होता है। जिसे देखकर हर एक आर्टिस्ट अपनी कला से संबधित वस्तुओं डिजाइनों को खोजता है तथा अपनी कला में आज के हिसाब से समावेश कर लेता है।

5. Outdoor: काम में और अधिक सर्वोत्कृष्ट रचनात्मकता लाने के लिए एक डिजाइनर को कभी-कभी मार्केट का चक्कर भी लगाना चाहिए। ताकि उसके काम में आधुनिक प्रचलन का समावेश हो सके। इसके अतिरिक्त यदि काम करने वाले कई साझीदार हों तो उनको कभी-कभी विदेश का दौरा या अपने राज्य से बाहर दूसरे राज्य का भी दौरा करना चाहिए।

6. Books: अपने कार्यों से संबंधित पुस्तकों का पढ़ना उन्हें देखना भी आना चाहिए ताकि अपने विषय के संबंधित ज्ञान को बढ़ा सकें। पुस्तकें लगभग सभी विषयों पर तथा पुरानी व नई जानकारी से संबंधित हैं।

7. Magazines: कई बार अपने विषय को ढूँढ़ने के लिए आज की विभिन्न पत्रिकाओं को भी पढ़ना, देखना चाहिए। उनमें भी अच्छी जानकारी होती है। इन सब उपलिखित के साथ-साथ T.V. Shows, ड्रामा Shows तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भी आते जाते रहना चाहिए। जिससे काम आधुनिक तथा नीवनता लिए रहे। तभी डिजाइन बनाने की प्रेरणा तथा अवधारणा के स्त्रोत डिज़ाइनर के लिए सजीव रहते हैं।

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