Answer for अभंजनात्मक का प्रयोग कहा किया जाता है और इसके कितने प्रकार होते है

किसी प्रक्रम का परीक्षण अविनाशी रूप से किये जाने से तात्पर्य बिना कोई हानि पहुँचाए परीक्षण किये जाने से है और इंजन एवं ट्रैक्टर क्योंकि संवेदनशील प्रकृति की युक्ति हैं। अत: उसके परीक्षण के लिए सबसे सुरक्षित परिवेश प्राथमिक आवश्यकता है और परीक्षण की अभंजनात्मक या अविनाशी विधियाँ (non-destructive methods) इसके लिए सर्वाधिक उपयुक्त विधियाँ हैं, क्योंकि इनकी सहायता से इंजन या ऑटो इंजन को बिना कोई हानि पहुँचाए उनका निरीक्षण-परीक्षण किया जा सकता है।

प्रकार Types
परीक्षण के लिए तैयार अभंजनात्मक या अविनाशी विधि का उपयोग अपनी आवश्यकता-पूर्ति एवं गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के ध्येय से किया जाता है और विविध प्रकृति के दोषों को सुनिश्चित करने के लिए समकक्ष प्रकृति के दोषों को एकीकृत कर अविनाशी विधियों की रचना की गई है। प्रशिक्षओं को क्योंकि दोषरहित संरचना व प्रक्रमों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना होता है। अत: उनके लिए परीक्षण की अविनाशी विधियों के समस्त प्रकारों को जानना जरूरी है, जो निम्न प्रकार हैं।

दाश्यिक निरीक्षण Visual Inspection
किसी भी इंजन, ऑटो इंजन या प्रक्रम का दाश्यिक निरीक्षण कर एक नजर में उसका निरीक्षण कर उसे जारी करना या दोष निवारण की श्रेणी में रखना इस परीक्षण के अन्तर्गत आता है। इस निरीक्षण के लिए अनेक अवसरों पर महीन दोषों को सुनिश्चित करने के लिए मैग्नीफाइंग लैन्स की भी सहायता ले ली जाती है। इस परीक्षण प्रकार की सहायता से वेविंग व स्पैटरिंग जैसे वेल्डिंग दोषों को भी सुनिश्चित कर उनका निवारण किया जा सकना सम्भव है।

उपयोगिता Utility
दाश्चिक निरीक्षण मूलत: एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इस निरीक्षण को स्वयं या किसी अन्य की सहायता से किया जा सकता है और प्रक्रम या उत्पाद की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सकता है

डाई पेनीटेशन परीक्षण Die Penetration Testing
सामान्यतया यह छोटी सतहों के क्रैकों को सुनिश्चित करने सम्बन्धी परीक्षण है, जो लौह व अलौह आधारित जोड़ों के लिए समान रूप से उपयोगी है। इस विधि में किसी भी प्रक्रम में सतहों की सफाई करके उन पर डाई का छिड़काव कर दिया जाता है और निश्चित अवधि के उपरान्त निरीक्षण कर क्रैक सम्बन्धी दोषों का निर्धारण कर लिया जाता है।

उपयोगिता Utility
महीन-से-महीन दोष का निर्धारण करने में सक्षम इस विधि को मितव्ययी की श्रेणी में भी रखा जा सकता है। रिसाव परीक्षण Leak Testing ऐसे अनेक प्रक्रम और युक्तियाँ हैं, जिनमें तरलों का प्रवाह किसी-न-किसी रूप में होता है और यदि इनमें रिसाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाए, तो ये अपने ध्येय को सिद्ध करने में सक्षम नहीं रह जाते। परीक्षण की इस विधि की सहायता से रिसाव को सुनिश्चित कर उस प्रक्रम या युक्ति को दोषरहित किया जा सकना सम्भव है। अनेक अवसरों पर महीन छिद्र भी दोष के वाहक बन जाते हैं और तरल के प्रवाह को बाधित कर देते हैं। इस परीक्षण के मूल में किसी युक्ति में प्रयुक्त पाइपों का निरीक्षण-परीक्षण कर उनको उपयोगी रूप में बनाए रखना है। लीक परीक्षण को दाब प्रवाह (pressure flow), साबुन या फिर चूने की सहायता से सुनिश्चित किया जा सकना सम्भव है।

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