Answer for अर्थिंग कैसे करते है ?
सबसे पहले 1 मीटर x 1 मीटर लम्बाई-चौड़ाई वाला दो से ढाई मीटर गहरा गढ़ा खोद लें। अब तांबे या गेल्वेनाईज्ड लोहे की 60cm x 60cm x 6mm नाप की धातु की प्लेट तैयार करें।
अब इस प्लेट से गेल्वेनाईज्ड लोहे की मोटी तार (सामान्यत: 8 गेज की तार) को अच्छी तरह कस कर बांध लें। इस प्लेट को गढ्ढे में रखने से पहले गढढे में कोयले और मोटे नमक की अच्छी मोटी परत बिछा दें। अब इस परत के उपर प्लेट को रख दें अब इस पर अच्छी तरह पानी का छिड़काव कर दें।
प्लेट पर बंधी तार को 14 से 30mm मोटाई वाले पाईप से ऊपर तक ले आयें और फिर गढ्ढे को अच्छे तरह मिट्टी से भर दें। पाईप से ऊपर आया तार ही अर्थिंग का तार कहलाता है। यह तार सामान्यत: उसी धातु का होना चाहिये, जिस धातु की प्लेट काम में लायी जा रही है। इस तार की मोटाई साधारण प्रयोग के लिये 14 गेज तथा पॉवर के लिये 8 गेज का होना चाहिये।
अच्छी अर्थिंग तैयार करने के लिये 10 से 25 किलो नमक तथा 10 से 15 किलो लकड़ी के कोयले का उपयोग किया जाना चाहिये।
थी फेस सप्लाई के लिये डबल अर्थिंग बनाई जानी चाहिये। इस कार्य के लिये या तो दो गढ्ढे खोदे जाते हैं या एक गढ्ढे में दो अर्थिंग प्लेट लगाई जाती हैं। सामान्यतः घरों में लगे विद्युत मीटर तक 8 गेज की अर्थ वायर का उपयोग किया जाता है। इसके बाद डिस्ट्रीब्यूशन वायरिंग के लिये गेज की अर्थ वायर का उपयोग किया जाता है।