Answer for इनजी सेविंग कम्प्यूटर किसे कहते है

पीसी इस्तेमाल करने के दौरान इन बातों को ध्यान में रखकर बिजली बचत की जा सकती हैं

⇨ कम्प्यूटर को इस तरह सेट करें कि इस्तेमाल न होने पर खुद ही 15 मिनट या उससे भी कम समय में मोनिटर डिस्प्ले स्लीप मोड में चला जाए।
⇨ हार्ड डिस्क को इस तरह सेट करें कि इस्तेमाल न होने पर यह 15 मिनट या उससे भी कम समय में स्लीप मोड में चली जाए।

इस तरह के प्रबंध से तमाम फायदे हो सकते हैं। मसलन बिजली की बचत, कूलिंग कॉस्ट में कमी, शोर कम होना, लैपटॉप व पीसी की बैटरी की लाइफ बढ़ना। इसके अलावा, ऐसे प्रबंधन से ग्लोबल वॉर्मिंग के असर को भी कम किया जा सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक, इन दिनों एक अरब से भी ज्यादा डेस्कटॉप और नोटबुक कम्प्यूटर इस्तेमाल किए जा रहे हैं इतना ही नहीं, छह साल बाद इनकी संख्या सवा दो अरब तक पहुंचने की संभावना है। ऐसे में जागरूकता के अभाव में दैनिक कामकाज और पर्सनल कम्प्यूटिंग में बिजली की खपत जरूरत से ज्यादा हो रही है। यही नहीं, इनसे निकलने वाली कार्बन डायऑक्साइड गैस से क्लाइमेंट को भी खतरना बना हुआ है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए दुनियाभर की प्रमुख आईटी कंपनियों ने क्लाइमेट सेवर्स कम्प्यूटिंग इनिशिएटिव की शुरुआत भारत में की है। इसका मुख्य लक्ष्य कम्प्यूटर के काम न करने की स्थिति में बिजली का कम से कम यूज करना है। ऐसे में कम्प्यूटर का प्रोसेसर चलता रहेगा जबकि बाकी सिस्टम स्टैंडबाय मोड में होगा। गौरतलब है कि एनर्जी यूज करने के मामले में भारत तमाम देशों में छठे नंबर पर है और छोटे बाजारों में कम्प्यूटर की बढ़ती पहुंच से बिजली का उपयोग और बढ़ने का अनुमान लगाए जा रहे हैं। ऐसे में पावर बचाने के लिए लोगों को जागरूक करेन में जुटी एक संस्था का कहना है कि इस समय मिलने वाले पीसी में उपलब्ध पावर सेविंग मोड और अन्य खासियतों के बावजूद लोग इनके बारे में बहुत कम जानते हैं।
ऐसे में मशीन की बिजली की खपत का करीब 50 प्रतिशत बेकार चला जाता है। इसके लिए दो तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। पहला, बिजली यूज के मामले में कार्यकुशल और एनर्जी स्टर अनुकूल हार्डवेयर बनाए जाएं और दूसरा, यूजर्स का एटिट्यूड बदला जाए। भारत में जहां पहले ही बिजली संकट है, इस तरह की बचत का उपयोग एग्रीकल्चर जैसे महत्पूर्ण क्षेत्र में किया जा सकता है। एलाएंस टु सेव एनर्जी द्वारा प्रकाशित पीसी एनर्जी के अनुसार अमेरिकी संगठन हर साल 10 करोड़ 80 लाख अनुपयुक्त पीसी को बिजली देकर 2 – 8 अरब डॉलर बर्बाद कर देते हैं। एक अनुमान के मुताबिक ये कम्प्यूटर 2 करोड टन कार्बन डायऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं, जो मौटे तौर पर 40 लाख कारों से होने वाले प्रदूषण के बराबर है।

Back to top button