Answer for ईंधन फीड पम्प कितने प्रकार के होते है ?

इसे फ्यूल ट्रांसफर पम्प भी कहते हैं। इसके द्वारा टैंक से ईंधन अन्तः क्षेपण (injection) पम्प तक पहुँचाने का कार्य किया जाता है। यह ईंधन पम्प की कैम शाफ्ट द्वारा चलता है। ये दो प्रकार के होते हैं

प्लंजर टाइप ईंधन फीड पम्प Plunger Type Fuel Feed Pump
इस प्रकार के पम्प में प्लंजर का प्रयोग किया जाता है। इसके नीचे कैम शाफ्ट लगी होती है, जिसके ऊपर रोलर टैपेट फिट होते हैं। इनके द्वारा प्लंजर ऊपर उठते हैं, जिससे डिलीवरी वाल्व खुल जाता है और डीजल डिलीवरी वाल्व से पम्प में प्रवेश कर जाता है। जब प्लंजर नीचे दबा होता है तो सक्शन वाल्व खल जाते हैं जैसे ही कैम शाफ्ट की कैम का दबाव रोलर टैपिट द्वारा प्लंजर पर पड़ता है, तो प्लंजर ऊपर उठता है, जिससे सक्शन वाल्व बन्द हो जाता है। वाल्व के बन्द होने से डीजल पर प्रभाव पड़ता है, जिससे वह डिलीवरी वाल्व को खोलकर पाइप लाइनों में लगे अन्तः क्षेपकों (injectors) में चला जाता है। जब प्लंजर पर कैम शाफ्ट कर दबाव हट जाता है, तो प्लंजर पुन: अपने पूर्व अवस्था में वापस – आ जाता है। इस प्रकार प्लंजर अपने स्ट्रोक (stroke) पूर्ण करके इन्जेक्टरों को डीजल देता रहता है। ये पम्प भी दो प्रकार के होते हैं

सिंगल एक्टिंग ईंधन फीड पम्प Single Acting Fuel Feed Pump
सिंगल एक्टिग फ्यूल फीड पम्प क्योकि वर्तमान में प्रचलन में नहीं है। अत: उनका विवरण अध्याय में नहीं दिया गया है।

डबल एक्टिंग ईंधन फीड पम्प Double Acting Fuel Feed Pump
यह पम्प फ्यूल अन्तः क्षेपण (injection) पम्प के ऊपर ही फिट किया जाता है। इसकी बॉडी (body) ढलवाँ लोहे अथवा एल्युमीनियम की बनी होती है, जिसमें बीच में एक सिलेण्डर बना होता है। उसमें प्लंजर फिट रहता है। सिलेण्डर के दोनों किनारों पर डीजल प्रवेश तथा निकास के लिए मार्ग बने होते हैं जिनमें तीन रिटर्न वाल्व फिट रहते हैं। इन्हीं मार्गों में बैन्जो वोल्ट की सहायता से लचीला (flexible) पाइप फिट किया जाता है, जिसके द्वारा डीजल पम्प में आता तथा जाता है।

फ्यूल अन्तःक्षेपण (injection)
पम्प की कैम का दबाव जब प्लंजर पर नहीं रहता, उस समय पम्प बैरल में आंशिक शून्य बन जाता है। इसे पूरा करने के लिए नॉन-रिटर्न वाल्व को शीट से हटाकर डीजल पम्प चैम्बर में भर जाता है। जब प्लंजर पर कैम का दबाव पड़ता है, तो आगे बढ़कर प्लंजर, पम्प चैम्बर में आए डीजल पर दबाव डालता है तथा डीजल इस दबाव से आउटलेट नॉन-रिटर्न वाल्व को सीट से उठाकर बाहर निकल जाता है। इस प्रकार जितनी देर इंजन चलता है, यह ट्रांसफर पम्प भी कार्य करता रहता है, परन्तु ऐसा समय भी आता है जब इंजन के न चलने पर भी डीजल सप्लाई की आवश्यकता पड़ती है, जैसे डीजल लाइन में हवा आ जाने पर उसे ब्लीड (bleed) करना हो अथवा अन्य ईंधन सम्बन्धी ट्रांसफर पम्प के ऊपर ही एक हैण्ड प्राइमिंग पम्प होता है। इसे हाथ से चलाकर डीजल की सप्लाई की जा सकती है।

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