Answer for ईंधन लाइन Fuel line किसे कहते है ?

ट्रैक्टर ईंधन के प्रवेश से लेकर उसके उपभोग तक ईंधन को वितरित करने के उद्देश्य से ईंधन प्रणाली में निर्धारित व्यवस्था होती है। इसका लाभ यह होता है कि तकनीशियन को दोषोपचार करने में किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता। यह निर्धारित व्यवस्था ही मूलत: ईंधन-लाइन है, जिसके प्रति तकनीशियन दोषोपचार के समय निश्चित रहता है कि वह सही दिशा में काम कर रहा है।

गवर्नर Governor
टैक्टर की अधिकतम तथा न्यूनतम चाल को नियमित रखने के लिए गवर्नर का प्रयोग किया जाता है। ट्रैक्टर में इस प्रयोजन के लिए गवर्नर का प्रयोग ईंधन अन्तः क्षेपण पम्प के साथ किया जाता है। ये गवर्नर डीजल सप्लाई की मात्रा को नियन्त्रित करके इंजन की न्यूनतम व अधिकतम चाल को नियन्त्रित रखते हैं। गवर्नर निम्न प्रकार के होते हैं

मैकेनिकल या सेन्ट्रीफ्यूगल गवर्नर Mechanical or Centrifugal Governor
इस प्रकार के गवर्नर में सेन्ट्रीफ्यूगल बॉल वेट (centrifugal ball weight) या फ्लाई वेट का प्रयोग होता है। ये वेट फ्यूल इंजेक्शन पम्प की कैम शाफ्ट पर लगे रहते हैं। इन वेटों (भारों) को एक स्प्रिंग द्वारा साधा जाता है। इंजन के चलने पर फ्यूल इंजेक्शन पम्प की कैम शाफ्ट उसी के अनुरूप इन भागों (weights) को घुमाती है, जिनका सम्बन्ध पम्प की कण्ट्रोल रॉड से भी रहता है। जब बॉल वेट घूमते हैं तो सेन्ट्रीफ्यूगल फोर्स के कारण ये बाहर की ओर फैलने भी लगते हैं। जब इंजन धीमी गति से चलता है तो इनका फैलाव कम होता है, जब इंजन तेज गति से चलता है तो वेट भी तेज घूमकर अधिक बाहर की ओर फैलते हैं, इसलिए इनसे सम्बन्धित कण्ट्रोल रॉड भी वेट के फैलने के अनुरूप अधिक या कम बाहर की ओर होती रहती है। फ्यूल इंजेक्शन पम्प में कण्ट्रोल रॉड आगे-पीछे होकर प्लंजर को कण्ट्रोल स्लीव के द्वारा घुमाकर डीजल सप्लाई में डीजल की मात्रा को कम या अधिक करके इंजन की अधिकतम तथा न्यूनतम चाल को नियन्त्रित रखती है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि गवर्नर डीजल सप्लाई में डीजल की मात्रा को इंजन की आवश्यकता के अनुसार सप्लाई को नियन्त्रित करता है।

न्यूमैटिक गवर्नर Pneumatic Governor
इस प्रकार के गवर्नर में एक डायफ्राम प्रयोग किया जाता है, जो प्रणाली का आधार होता है। यह इनलेट मैनीफोल्ड में सक्शन स्टोक के समय उत्पन्न डिप्रैशन (depression) से प्रभावित होता है। इस गवर्नर की दो मुख्य इकाइयाँ होती हैं
1. इनलेट मैनीफोल्ड यूनिट तथा
2. डायफ्राम यूनिट।
इनलेट मैनीफोल्ड में एक बटरफ्लाई लगी होती है, जिसका सम्बन्ध एक्सीलेटर से रहता है। इनलेट मैनीफोल्ड में एक वैन्चुरी की व्यवस्था भी रहती है जिसका सीधा सम्बन्ध पाइप द्वारा डायफ्राम यूनिट से रहता है। जब इंजन चलता है तो इनलेट मैनीफोल्ड में सक्शन स्ट्रोक के समय चूषण का प्रभाव पड़ता है। इससे वैन्चुरी में वैक्यूम पैदा होता है जो डायफ्राम पर अपना प्रभाव डालता है। यह डायफ्राम, जोकि एक स्प्रिंग के साथ लगा होता है, कण्ट्रोल रॉड से भी सम्बन्धित होता है। इस कारण जब एक्सीलेटर पैडल द्वारा बटरफ्लाई को खोला जाता है, तो उसी के अनुरूप वैक्यूम से उत्पन्न चूषण (suction) द्वारा डायफ्राम बाहर की ओर स्प्रिंग के दबाव के विपरीत खिंच आता है। इससे डायफ्राम से सम्बन्धित कण्ट्रोल रॉड भी खिंचती है और कण्ट्रोल स्लीव को घुमाकर प्लंजर द्वारा डीजल सप्लाई में डीजल की मात्रा बढ़ा देती है। इसी प्रकार जब एक्सीलेटर कम दबाया जाता है तो चूषण का कम प्रभाव डायफ्राम पर पड़ता है, जिससे कण्ट्रोल रॉड भी कम खिंचकर डीजल सप्लाई में डीजल की मात्रा कम कर देती है। इस प्रकार इंजन की अधिकतम तथा न्यूनतम चाल के अनुरूप डीजल की सप्लाई नियन्त्रित की जाती है।

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