Answer for उद्यमों के द्वारा ऊर्जा संरक्षण कैसे होता है ?

उद्यम भी पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा की खपत करते हैं। अनेक उद्यमीय (industrial) प्रक्रमों (processes) में भारी मात्रा में ऊष्मा तथा यान्त्रिक शक्ति (mechanical power) की आवश्यकता होती है, जिसकी अधिकांश पूर्ति प्राकृतिक (natural) गैसों, पेटोलियम ईंधनों और विद्युत से होती है। उद्यमीय प्रक्रम, क्योंकि विविध प्रकृति के होते हैं। अत: उद्यमों में ऊर्जा बचत के लिए सम्भावित अवसरों को अभिव्यक्ति दे पाना लगभग असम्भव होता है। प्रत्येक उद्यमी सुविधा के प्रयोग में अनेक विशिष्ट तकनीकों और प्रक्रमों पर निर्भर करता है, लेकिन ऐसे अनेक प्रक्रम और ऊर्जा सेवाएँ हैं जिनका अनेक उद्यमों में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। विभिन्न उद्यम अपनी सुविधाओं व उपयोग के लिए भाप एवं विद्युत उत्पादन करते हैं।
जब विद्युत का उत्पादन होता है, तो उपउत्पाद के रूप में ऊष्मा की प्राप्ति की जा सकती है जिसको भाप, ऊष्मा और अन्य उद्यमीय उद्देश्यों से प्रयुक्त किया जाता है। परिवर्तनीय विद्युत उत्पादन लगभग 30% कार्यक्षम होता है, जबकि ऊष्मा एवं शक्ति संयुक्त रूप से 90% तक ईंधन को प्रयोग-योग्य ऊर्जा में बदल सकती है। उन्नत बॉयलर एवं भट्ठियाँ उच्च तापमान पर संचालित की जा सकती हैं, जबकि वे कम ईंधन का व्यय करती हैं। ये तकनीकें अधिक कार्यक्षम हैं, जबकि कुछेक प्रदूषकों ही की उत्पत्ति करती हैं। विद्युत मोटरें प्राय: नियत गति पर चलती हैं, लेकिन अस्थिर गति चालन आवश्यक भार से सामंजस्य करने योग्य ऊर्जा उत्पत्ति की अनुमति देता है। इससे 3 से 60% तक ऊर्जा की बचत होती है, परन्तु यह मोटर प्रयोग पर निर्भर करता है। मोटर क्वॉयलों की निर्माणक सामग्री भी ऊर्जा ह्रास को कम कर सकती है। उद्यम सभी आकृतियों एवं आकारों के पम्पों एवं कम्प्रेसरों का भारी मात्रा में प्रयोग करते हैं और विविध प्रयोगों में उपयोग करते हैं। पम्पों और कम्प्रेसरों की कार्यक्षमता अनेक कारकों पर निर्भर करती है, लेकिन बेहतर प्रक्रम नियन्त्रण और बेहतर अनुरक्षण अभ्यासों के द्वारा बहुधा उनकी कार्यक्षमता में सुधार किया जा सकता है।

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