Answer for ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 क्या है ?

ऊर्जा संरक्षण सम्बन्धी सिद्धान्त ने वर्ष 1970 के प्रारम्भ में गल्फ तेल आघात (gulf oil shock) के उपरान्त जन्म लिया। तेरहवीं लोकसभा में फरवरी,2000 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम प्रस्तुत किया गया। यह वास्तव में भारत में पेटोल संरक्षण अनसन्धान अथॉरिटी (PCRA) की पहल पर एक जागरूकता कार्यक्रम का परिणाम था। इसके परिणामस्वरूप एक विधायी फ्रेमवर्क बनाने की आवश्यकता महसूस की गई थी। इस प्रकार वर्ष 2001 में ऊर्जा संरक्षण सम्बन्धी अधिनियम तत्कालीन राष्ट्रपति की स्वीकृति उपरान्त सितम्बर, 2001 में अस्तित्व में आया। यह ऊर्जा कार्यक्षमता को प्रोत्साहित करने और ऊर्जा की बर्बादी को हतोत्साहित करने के ध्येय से तैयार किया गया। भारत में ऊर्जा बचत की भारी सम्भावनाएँ हैं। यहाँ के एक अध्ययन के अनुसार देश के उद्यमी, व्यावसायिक एवं घरेलू क्षेत्रों (sectors) में ऊर्जा बचत की पर्याप्त सम्भावनाएँ हैं। भारत के गजट में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 1 अक्टूबर, 2001 को प्रकाशित हुआ और यह देश भर में मार्च, 2002 को लागू हो गया। तब ही से ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीशिएन्सी (BEE) ने भी इसे प्रभावी माना। ऊर्जा संरक्षण अधिनियम ने ऊर्जा सम्बन्धी कार्यक्षम नियमों (norms) को सभी उपभोक्ताओं के लिए आदेशात्मक बनाया। अधिनियम में अवज्ञा के लिए दाण्डिक प्रावधानों की व्यवस्था है। अधिनियम पूर्ण प्रभाव में 1 अप्रैल, 2007 को आया।

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