Answer for एक्सेल कितने प्रकार के होते है ?
एक्सेल दो प्रकार के होते हैं
डैड फ्रण्ट एक्सेल Dead Front Axle
डैड एक्सेल वाले ट्रैक्टरों में अगले पहियों को इंजन द्वारा विकसित शक्ति नहीं पहुंचाई जाती है जैसा कि पिछले पहियों के लिए व्यवस्था की जाती है। फ्रण्ट एक्सेल के साथ आगे पहियों के द्वारा ही ट्रैक्टर को रोकने में सहायता मिलती है। ये पहिये ट्रैक्टर का बोझ उठाने में सहायता करते है को स्टीयरिंग द्वारा अगले पहियों की सहायता से मोड़ा भी जाता है। फ्रण्ट एक्सेल वास्तव में दो भागों , में बना होता है-एक्सेल बीम (axle beam) तथा स्टब एक्सेल (stubaxle)। ट्रैक्टर का वास्तविक भार एक्सेल बीम पर ही रहता है। इस कारण एक्सेल बीम का पर्याप्त मजबूत होना आवश्यक होता है। इसे अच्छे स्टील को फोर्ज करके बनाया जाता है। यह एक्सेल बीम I सेक्शन बीम के रूप में होती है। इसी पर रॉड स्प्रिंग के आधार के लिए स्थान बना होता है।
लाइव फ्रण्ट एक्सेल Live Front Axle
जिन ट्रैक्टरों को अधिकतर कच्ची तथा ऊँची-नीची गड्ढेदार सड़कों पर चलना होता है अथवा जिनका प्रयोग पहाड़ी आदि स्थानों में होता है, उनमें पिछले पहियों के समान अगले पहियों को भी इंजन की विकसित शक्ति से ड्राइव दी जाती है। इनकी विशेषता यह होती है कि यदि पहले पहिये कच्ची या दलदल वाली जगह पर फंस जाए, तो अगले पहियों द्वारा उन्हें उस स्थान से निकाला जा सकता है। इसके अतिरिक्त चढ़ाई पर अगले पहियों को शक्ति पहुँचाकर ट्रैक्टर की खिंचाव (pulling) शक्ति बढ़ जाती है। इस प्रकार के फ्रण्ट एक्सेल भी पिछले पहियों के समान एक्सेल केसिंग में फिट किये जाते हैं। एक्सेल केसिंग में पीछे का एक्सेल केसिंग की तरह बीच में शक्ति बाँटने के लिये डिफरैन्शियल प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के फ्रण्ट एक्सेल के लिए गियर बॉक्स के साथ एक विशेष प्रकार का गियर बॉक्स प्रयोग किया जाता है, जिसे ट्रांसफर केस कहते हैं।