Answer for कपड़ों के कौन कौन से गुण होते है

(i) रंग (Colour) : परिधान में प्रयुक्त कपड़े का रंग व प्रिन्ट पक्के हैं या नहीं। कई बार डिज़ाइन बनाते समय मैचिंग या विपरीत (contrast) रंग की सहायता लेनी होती है तो डिज़ाइन को ही न देख कर डिज़ाइन के कपड़े के रंग व किस्म को ध्यान से देखना चाहिए। दूसरी बात यह भी देखनी चाहिए कि यह रंग व डिज़ाइन पहनने वाले पर जंचेगा या नहीं। कहीं उसे हास्यास्पद तो नहीं बना देगा।

(ii) टिकाऊपन (Durabiltiy in garment) : वस्त्रों की बहुत बड़ी विशेषता है कि वे चलने में कैसे हैं। क्योंकि एक वस्त्र खरीदने में जो इतना अधिक खर्च आता है उस हिसाब से उसे चलना भी चाहिए। प्रायः कपास के कपड़ों से अधिक सिन्थेटिक वस्त्र चलते हैं। कपास के जल्दी ही घिस जाते हैं और सिन्थेटिक वस्त्र रासायनिक होने के कारण काफी समय तक घिसते नहीं हैं।

(iii) पसीना सोखने वाले (Absorbation) : अलग-अलग स्थानों की जलवायु अलग-अलग प्रकार की होती है। यदि गर्म प्रदेश है तो वहाँ पसीना अधिक आएगा ही और यदि वस्त्र पसीना सोखने वाले नहीं होंगे तो त्वचा में पसीना लग-लग कर त्वचा सम्बंधी परेशानियां पैदा हो जाएंगी। अत: वस्त्र मौसम के अनुसार ही धारण करें। अधिक गर्मी के स्थानों में सूती वस्त्र पहनने चाहिएं।

(iv) धोने की सुविधा (Easy to clean) : जब कपड़ों को प्रयोग करेंगे तो मैले होंगे ही। अतः उनको साफ करने के तरीकों का पता होना चाहिए और ऐसे कपड़े लें, जिनको सरलता से या शीघ्रता से धोया जा सके। इस पद्धति के अनुसार सूती, मोटे खद्दर आदि को धोने में समय लगता है जब कि रापायनिक वस्त्र धोने में सरल हैं तथा सुखाने व सूखने दोनों ही में सरल हैं। दाग धब्बे भी आसानी से छूट जाते हैं। प्रेस करने की भी इतनी ज़रूरत नहीं पड़ती।

(v) ताप की संवाहकता (Conductivity of Heat) : कुछ वस्त्र ताप व उष्मा के अच्छे संवाहक होते हैं, कुछ वस्त्र शरीर की गर्मी को बाहर निकलने से रोकते हैं। कुछ शरीर की गर्मी को बाहर निकलने से नहीं रोकते, अतः ऋतु के अनुकूल वस्त्र का चुनाव करना चाहिए। जिन वस्त्रों से शरीर ठंडा व स्वस्थ रहे, ऐसे ही वस्त्र शरीर पर धारण करने चाहिएं तथा सर्दियों में मोटे व ऊनी वस्त्र धारण करें।

Back to top button