Answer for कम्प्यूटर हैंडलिंग किसे कहते है
यदि कम्प्यूटर कम्प्यूटरों की बनावट की बात करें तो इनकी मजबूती उतनी नहीं होती है जितनी दिखाई देती है। यदि आप इन्हें आराम से हैंडिल नहीं करेंगे तो इनके खराब होने का ज्यादा खतरा होता है। इसलिये जब आप इन्हें प्रयोग कर रहें हो या ये ऑन पोजीशन में हों तो न तो इन्हें तेजी से हिलायें और न ही इन्हें गिरने दें।
⇨ यदि आप अपने कम्प्यूटर का इस्तेमाल सफर के दौरान करते हों तो इसकी पैकिंग इस तरह से करें कि एयरपोर्ट इत्यादि पर जांच के दौरान यदि यह गिर भी जाये तो गिरने की धमक कम्प्यूटर तक न पहुंचे।
⇨ कम्प्यूटर का प्रयोग ऐसे वातावरण में करें जहां का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस के बीच हो।
⇨ कम्प्यूटर को हमेशा उसके कवर से पूरी तरह से निकाल करके ही ऑन करें। यदि यह कवर में ऑन रह गया तो गर्म हवा पूरी तरह से बाहक नहीं निकल पायेगी और कम्प्यूटर का सीपीयू गर्म होकर खराब हो जायेगा।
⇨ जिस कमरे में आप कम्प्यूटर का प्रयोग कर रहें उसमें यदि कोई ऐसा विद्युतीय उपकरण लगा है जो उच्च चुम्बकीय क्षेत्र पैदा कर रहा है तो कम्प्यूटर को ऐसे उपकरण से सटा कर न रखें और कम से कम इसकी दूरी उस इलेक्ट्रिकल डिवाइस से 13 सेंटीमीटर हो।
⇨ कमरे में रखा टीवी. फ्रिज. मोटर और उच्च शक्ति वाले स्पीकर ऐसा चुम्बकीय क्षेत्र पैदा कर सकते हैं जो कम्प्यूटर को खराब कर सकते हैं। इसलिये इन उपकरणों से कम्प्यूटर को कुछ दूरी पर ही रखें।
⇨ कम्प्यूटर के पास दो-तरफा रेडियो कम्प्यूनीकेशन प्रयोग न करें। ऐसा करने से कम्प्यूटर की विद्युत सप्लाई प्रभावित हो सकती है और सिस्टम फेल हो सकता है।
⇨ कम्प्यूटर पर किसी भी तरह के द्रव्य को न गिरने दें। यदि चाय, कॉफी या पानी इस पर गिर जायेगा तो इसके मदरबोर्ड के शार्ट होने का खतरा बढ़ जायेगा।
⇨ कम्प्यूटर के मॉनीटर पर कोई वजनदार वस्तु न रखें, इससे कम्प्यूटर के LCD मॉनीटर या पैनल पर बोझ पड़ेगा और इसके खराब होने का खतरा बढ़ जायेगा। यदि कम्प्यूटर अपने बैग या कवर में भी है तो भी इस पर वजन न रखें।
⇨ कम्प्यूटर के LCD पैनल पर न तो स्क्रैच लगायें और न ही इसे मोड़ें और न ही इसे दबायें। यदि आप ऐसा करते हैं तो LCD डिस्प्ले के खराब होने के चांस ज्यादा हो जायेंगे।
⇨ यदि कम्प्यूटर अपने यूपीएस से जुड़ा है और इसमें पॉवर सप्लाई आ रही है तो कम्प्यूटर को तभी मूव करें जब एडेप्टर को विद्युत आपूर्ति प्लग से निकाल लें।
⇨ कम्प्यूटर की USB पोर्ट से डिवाइसों को जोड़ते समय कनेक्टर हमेशा सीधा ही लगायें, यदि कनेक्टर उल्टा है और आपने इसे बलपूर्वक लगाने की कोशिश की तो या तो पोर्ट खराब हो जायेगी या फिर कनेक्टर खराब हो जायेगा।।
⇨ इसी तरह से लैन पोर्ट (ईथरनेट) में हमेशा लैन का ही कनेक्टर लगायें। यदि आप इसमें मॉडेम का कनेक्टर लगा देंगे तो या तो पोर्ट खराब हो जायेगी या फिर कनेक्टर खराब हो जायेगा।
⇨ अपने दोपहिया वाहन के कैरियर पर कम्प्यूटर को कसकर न बांधे, ऐसा करने से कम्प्यूटर में ज्यदा वाइब्रेशन लगेंगे और यह खराब हो सकता है।
⇨ कम्प्यूटर में बने मेमोरी कार्ड रीडर स्लॉट में हमेशा कार्ड सीधा ही इंसर्ट करें।
⇨ कम्प्यूटर की सीडी/डीवीडी ड्राइव के लैंस को राथ से न छुए, हाथ से छुने पर इसकी एलाइमेंट खराब हो जाती है और ड्राइव सीडी या डीवीडी में राइटिंग करने में असमर्थ हो जाती है।
⇨ जब आप डीवीडी ड्राइव में डिस्क को लगायें को इसमें ज्यादा बल न लगायें, ज्यादा बल लगाने से ट्रे के टूटने का खतरा होता है।