Answer for कॉन्सेप्ट ऑफ वायरस किसे कहते है

वायरस एक तरह का कम्प्यूटर प्रोग्रम होता है जो आपके सिस्टम में प्रवेश करके उसमें स्टोर डेटा और प्रोग्राम फाइलों को खराब कर देता है।

आजकल वायरस इंटरनेट के माध्यम से कम्प्यूटर में प्रवेश कर जाता है और कम्प्यूटर सिस्टम की बूटिंग से लेकर नेटवर्किंग तक को खराब कर देता है।

: – ज़्यादातर वायरस दो तरह के होते हैं- पहला कम्प्यूटर के बूट सेक्टर को खराब करने वाला और दूसरा प्रोग्राम तथा डेटा फाइलों को खराब करने वाला।

– इनमें पहली तरह का वायरस जब कम्प्यूटर पर हमला करता है तो प्रयोगकर्ता के हाथ-पांव फूल जाते हैं क्योंकि वायरस सीधे COMMAND.COM तथा इसकी सहायक बूटिंग फाइलों को नष्ट कर देता है जिससे बूट होने की क्रिया बंद हो जाती है और Cप्रॉम्प्मट का आना बंद हो जाता है और विंडोज़ लोड नहीं होती है।

→ ऐसी समस्या से उबरने के लिए आप अपने पास हमेशा ऑपरेटिंग सिस्टम युक्त डिस्क (CD/DVD) रखें। कम्प्यूटर में इस डिस्क को लगाकर उसे दोबारा ऑन करें, यदि आपका कम्प्यूटर इससे बूट हो जाता है तो ठीक है अन्यथा जब आप कम्प्यूटर को ऑन करें तभी रैम टेस्ट पूरा होने के बाद की-बोर्ड की डिलीट कुंजी या F1 को दबा दें, इससे आपके सामने बायोस सेटअप आ जाएगा। इस सेटअप में जाकर बूटिंग का क्रम बदल दें। जब आपका कम्प्यूटर बूट हो जाए और CD/ DVD प्रॉम्प्ट आपके सामने आ जाए तो आप वायरस हटाने वाली डिस्क लगाकर या प्रोग्राम चलाकर इसे हटा लें।

– हमेशा ओरिजनल विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रयोग करें और माइक्रोसॉफ्ट की वेबसाइट से मुफ्त में माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी एसेनेशियल नामक सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करें। इसके बाद इसे समय-समय पर इंटरनेट से अपडेट करते रहें। यह सॉफ्टवेयर आपको तभी मिलेगा जब आप ओरिजनल विंडोज़ प्रयोग कर रहे हैं।

– वर्तमान समय में मैकेफी, एवास्ट, नार्टन जैसे एंटी वायरस सॉफ्टवेयर बाजार में उपलब्ध हैं। इन्हें आप अपने सिस्टम में इंस्टॉल करके प्रयोग कर सकते हैं। इनका प्रयोग समय सीमित होता है इसलिये इनकी अवधि पूरी होने पर सम्बद्ध कम्पनी इसे इनके प्रयोग के लाइसेंस को फिर से एक्टीवेट करा लें।

– आजकल सभी कम्प्यूटरों में वाई-फाई और ब्लुटुथ तकनीक आम है, इसलिये इनके जरिये भी सिस्टम में वायरस आ जाते हैं। ऐसे में जब जरूरत न हो तो इन्हें ऑफ पोजीशन पर रखें।

→ अपने कम्प्यूटर या लैपटॉप से मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस को जोड़ने से पहले इस बात की जांच भी कर लें कि कहीं उसमें तो कोई वायरस नहीं है। इस जांच के लिये आपके सिस्टम में वायरस स्कैनर इंस्टॉल होना चाहिये।

कई बार विंडोज़ में भी खराबी आती है ऐसे में जब कम्प्यूटर को ऑन करें तो F8 नामक फंक्शन की को दबायें और बूट मीनू के सामने आने पर सेफ मोड का चयन करके विंडोज़ को लोड करें। इसके बाद विंडोज़ को रिस्टार्ट करें और नार्मल मोड में ऑन करें।

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