Answer for घरेलू वायरिंग कैसे करते है ?

घरों में की जाने वाली वायरिंग का प्रारंभ मेन स्विच बोर्ड से किया जाता है। बिजली विभाग के कर्मचारी केवल इलेक्ट्रिसिटी मीटर तक ही इलेक्ट्रिसिटी का कनेक्शन करते है। इससे आगे की संपूर्ण वायरिंग में करवानी पड़ती है।
घरेलू वायरिंग के लिये इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई के लिये बिजली के खंभे से दो तारें आती हैं। इनमें से एक तार फेस (P) की तथा दुसरी तार न्यूट्रल (N) की होती है। फेस की तार के लिये सामान्यतः लाल रंग की तार तथा न्यूट्रल के लिये काले रंग की तार का उपयोग किया जाता है।
फेस की तार को कुछ इलेक्ट्रिशियन सर्विस लाईन भी कहते हैं। फेस और न्यूट्रल की तारें इलेक्ट्रिसिटी खंभे से सबसे पहले इलेक्ट्रिसिटी मीटर तक आती है। मीटर से जुड़ने के बाद ये दोनों तारें MCB/16A (मेन्स सर्किट ब्रेकर) के द्वारा DP स्विच को दिये जाते हैं। इस D.P. स्विच (सामान्यत: इसे मेन स्विच के रूप में जाना जाता है।) के द्वारा किसी भी आपातकालीन स्थिति में घरेलु सप्लाई को ऑन/ऑफ किया जा सकता है।
| D.P. स्विच के बाद फेस और न्युट्रल के तारों को बस-बार को दिये जाते हैं। अब इस बस-बार से MCB या किट-केट फ्युज के द्वारा अलग-अलग कमरों को सप्लाई दी जाती है। इस प्रकार की व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि किसी एक कमरे की विद्युतीय खराबी के कारण पुरे घर की वायरिंग प्रभावित नहीं होती है।
| DP स्विच तथा बस-बार लगे बोर्ड को ही डिस्ट्रीब्युशन-बाक्स कहा जाता है। इस डिस्ट्रीब्युशन बाक्स से प्रत्येक कमरों को अलग-अलग सप्लाई देने के बाद प्रत्येक कमरे की वायरिंग जरूरत के हिसाब से की जाती है।
अब जिस कमरे की वायरिंग की जानी है, सबसे पहले उस कमरे की सभी विद्युतीय आवश्यकतानुरूप, उस कमरे का विद्युतीय नक्शा बना लिया जाता है। एक सामान्य कमरे की विद्युतीय आवश्यकतायें निम्नलिखित हो सकती है
1 एक या दो बल्ब होल्डर्स
2 एक या दो ट्युब लाईट्स
3 एक या दो सीलिंग पंखे
4 एक, दो या तीन वाल सॉकट्स
अब इन सभी आवश्यकताओं के हिसाब  से एक स्विच बोर्ड बनाया। जाता है। इस स्विच बोर्ड पर डिस्ट्रीब्युशन बाक्स से स्विच बोर्ड आने वाले फेस और  न्युट्रल की तारों को जोड़ा। जाता है और फिर यदि कमरे में किसी अन्य स्थान पर कोई अतिरिक्त पाईंट लगाना हो तो उस पाईंट के लिये सप्लाई वायर (अर्थात् फेस और न्युट्रल) भी इसी बोर्ड से निकाला जाता है।

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