Answer for टायर अग्रता क्या होता है ?

अग्रता ट्रैक्टर की उस प्रवृत्ति को कहते हैं, जिसके कारण स्टीयरिंग पहिये पर कोई बल न लगा होने पर भी ट्रैक्टर अपने सीधे पथ से विचलित होता है। यह गलत एकरेखन, असमान ब्रेक समंजन अथवा टायर की बनावट में कोई दोष होने के कारण हो सकता है;
जैसे-
(i). रेडियल टायर में पट्टी मध्य में न होने से गाड़ी पर साइड की ओर बल लगता है, जिसके कारण अग्रता उत्पन्न होती है।
(ii) यदि किसी टायर की एक साइड का व्यास दूसरी साइड के व्यास से भिन्न है तो उस टायर में एक दिशा में रोल करने की प्रवृत्ति होगी, जिसके कारण साइड की ओर बल पैदा होगा, जिससे अग्रता उत्पन्न होगी। असमान घिसाई वाले अगले टायरों के कारण भी अग्रता हो सकती है, परन्तु पिछले टायरों से कभी अग्रता नहीं होती।

टायर रीट्रेडिंग Tyre Retreading
यह टायर को पुन: जीवन देने की एक मितव्ययी व्यवस्था है। ट्रैक्टर में टायर का निरन्तर उपयोग करने पर निश्चित सेवाकाल पूर्ण कर लेने के उपरान्त टायरों को बदलने की जरूरत होती है और अपनी सेवावधि पूर्ण कर लेने वाले टायरों को पुन: उपयोग हेतु बना लेने की व्यवस्था ही टायर रीट्रेडिंग है, जिसमें एक निश्चित प्रक्रिया के द्वारा घिसे टायर पर एड्हेसिव की सहायता से मशीन के द्वारा रबर प्लाई चढ़ा दी जाती है। रीट्रेडिंग टायर यद्यपि ट्रैक्टर को प्रचालन में सक्षम कर देता है, परन्तु यह ईंधन औसत (fuel average) के दृष्टिकोण से बिल्कुल भी ट्रैक्टर के लिए उपयुक्त नहीं होता है।

टायर रोटेशन Tyre Rotation
यह बात अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। ट्रैक्टर के टायर व्हील एलाइनमेन्ट में थोड़ा-सा भी अन्तर आने के कारण एक ओर से खराब हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य टायर भी किसी कारण एक से फिट होने से खराब हो सकते हैं। अत: छः हजार किमी के बाद टायरों को आपस में एक-दूसरे स्थान पर बदलकर लगाना चाहिए। इससे सभी टायर एकसमान घिसेंगे तथा उनकी आय बढ़ेगी। सम्बन्धित चित्र को अग्र पृष्ठ पर दर्शाया गया है।

टायर विरूपण Tyre Distortion
एक विरूपण टायर इसका प्रतीक है कि संरचित केसिंग विफल हो गई है। बहुत धीरे-धीरे टायर की आन्तरिक संरका मजबूता प्रदान करने वाले तार के धागे निकल जाते हैं। धीरे-धीरे आन्तरिक वायु दाब धागे निकले कमजोर क्षेत्र को विकृत करने में सहायक हो जाता है। इस स्थिति में गति सीमा (speed range) प्रमुख भूमिका का निर्वहन करती है। एक सामान्य पहचान यह है कि यदि 30 किमी प्रति घण्टा की गति पर ट्रैक्टर में कम्पन उत्पन्न होता है, तो यह टायर विरूपण का प्रतीक है। एक विकृत टायर आगे स्टीयरिंग पकड़ को प्रभावित करता है, जबकि पीछे कम गति पर गाड़ी में कम्पन उत्पन्न करता है। टायर के विरूपण होने के मूल में प्राय: स्टील के तार के धागों में जंग (rust) लग जाती है। यह विश्वव्यापी दैनिक समस्या है।

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