Answer for टीसीपी/आईपी का विकास क्या होता है

– इंटरनेट प्रोटोकॉल का विकास 1970 में DARPA ने प्रारम्भ किया था। जब ARPANET का निर्माण हुआ को DARPA ने बहुत सी दूसरी डेटा ट्रांसमिशन से जुड़ी तकनीकों पर काम करना शुरू किया।

→ सन् 1972 में राबर्ड ई. कैन्ह ने DARPA के इन्फॉरमेशन । प्रोसेसिंग टेक्नॉलॉजी के ऑफिस का कार्य-भार संभाला और सेटेलाइट पैकेट नेटवर्क और ग्राउंड पर आधारित रेडियो पैकेट नेटवर्क पर काम करना शुरू किया। इन्होंने इस बात का पता लगाया कि इन दोनों को किन मानों (Values) पर एक साथ प्रयोग किया जा सकता है।

→ 1973 में ARPANET नेटवर्क कंट्रोल प्रोटोकॉल (NCP) का विकास करने वाले विन्टन सर्फ ने राबर्ड ई. कैन्ह के साथ ओपन आर्कीटेक्चर इंटरकनेक्शन मॉडल की डिजाइनिंग पर काम करना शुरू किया जोकि ARPANET का अगला प्रोटोकॉल था। इन दोनों वैज्ञानिकों ने मिलकर कुछ महीनों में भी इसका आधार भूत ढांचा तैयार कर लिया।

इस ढ़ाचे में एक कॉमन इंटरनेटवर्क प्रोटोकॉल शेष समस्त प्रोटोकॉल को अदृश्य कर देता था और नेटवर्क में होस्ट सबसे ज्यादा जिम्मेदार बनकर ट्रांसमिशन का संचालन बिना किसी बाधा के करने में सक्षम होता था।

यही वह तकनीक थी जिससे समस्त अलग-अलग चारित्रिक विशेषताओं वाले नेटवर्क एक साथ मिलकर काम करने में सक्षम हुए। इसमें एक कम्प्यूटर को गेटवे का दर्जा दिया गया।

यह गेटवे प्रत्येक नेटवर्क को इंटरफेस प्रदान करता था और डेटा पैकटों को दोनों के मध्य फारवर्ड भी कर सकता था तथा वापस भी ग्रहण कर सकता था।

DARPA ने BBN टेक्नालॉजी, स्टैनफोर्ड यूनीवर्सिटी और यूनावर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के साथ मिलकर अलग-अलग हार्डवेयर प्लेटफार्मों के लिये प्रोटोकॉल के ऑपरेशनल संस्करण तैयार किये। ये संख्या में चार थे- TCP v1, TCP v2, TCP v3 311 IP v31

यह सभी 1978 में प्रयोग के लिये असितित्व में आये। इनमें से TCPv3 और IPv3 को मिलाकर TCP/IPv4 को बनाया गया और इसे एक स्टैण्डर्ड का दर्जा दिया गया। इसका प्रयोग इंटरनेट में आज भी किया जाता है।

→ सन् 1975 में दो नेटवर्कों को TCP/IP से जोड़ने के लिये पहला टेस्ट स्टैनफोर्ड और यूनीवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के बीच हुआ। जब यह संचार सफल हो गया तो नवम्बर 1977 में तीन नेटवर्कों को TCP/IP से जोड़ा गया। ये तीनों नेटवर्क अलग-अलग देशों में थे। इनमें एक अमेरिका में, एक ब्रिटेन में और एक नार्वे में था।

– इसमें मिली सफलता से उत्साहित वैज्ञानिकों ने 1978 से 1983 के मध्य इस पर और कार्य किया तथा TCP/IP के प्रोटोटाइप विकसित किये।

– अंत में 1 जनवरी 1983 को TCP/IP ने ARPANET पर पूरी से अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया। सन् 1982 में अमेरिका का रक्षा विभाग अपने सभी रक्षा से सम्बन्धित कम्प्यूटरों के लिये TCP/IP को स्टैंडर्ड घोषित कर चुका था।

– वर्तमान समय के समस्त ऑपरेटिंग सिस्टमों में TCP/IP को डिफाल्ट रूप में जोड़ा दिया गया है। इसका जुड़ाव इस तरह से है कि ज्यादातर प्रयोगकर्ताओं को इसके अलग से इंस्टॉलेशन की जरूरत नहीं होती है। यह अपने आप इंस्टॉल हो जाता है और कार्य करने लगता है। यूनिक्स, लाइनेक्स और मैक के समस्त व्यवसायिक सिस्टमों में भी TCP/IP को जोड़ दिया गया है।

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