Answer for टेस्टिंग लैम्प के क्या उपयोग होते है ?

टेस्टिंग लैम्प के द्वारा न्युट्रल की पहचान के अलावा और भी अन्य उपकरणों को भी चेक किया जा सकता है। उदाहरण के लिये फ्लोरोसेन्ट ट्युब लाईट में स्टार्टर की खराबी को भी इस टेस्टिंग लैम्प के द्वारा चेक किया जा सकता है। इस चेकिंग के लिये ट्युब लाईट में लगे स्टार्टर को निकालकर उसके स्थान पर टेस्टिंग लैम्प के दोनों तारों को लगाते हैं। इस स्थिति में सर्किट में बहुत तेजी से करेंट बहने लगती है तथा ट्युब लाईट तुरंत ही ऑन हो जाती है। यदि ऐसा हो रहा हो, तो समझ लें कि ट्युब लाईट पर जो स्टार्टर लगा था वह खराब हो गया है।
इसके अलावा जब एक साथ बहुत सारे ट्युब लाईटों को ऑन करना होता है, तो स्टार्टर का उपयोग नहीं किया जाता है। बल्कि टेस्टिंग लैम्प के द्वारा ही उपर बताई गई विधि से सभी ट्युब लाईटों को ऑन कर दिया जाता है।

सीरिज टेस्टिंग बोई
सीरिज टेस्टिंग बोर्ड का उपयोग खराब उपकरणों को चेक करने के लिये किया जाता है। जब किसी रिपेयरिंग के लिये आये उपकरण को आप वर्कशॉफ में AC मेन बार्ड के टू या थ्री पिन सॉकट में लगाकर चैक करते हैं, अब यदि वह उपकरण शॉर्ट होगा तो वर्कशॉफ का मेन फ्युज । उड़ जायेगा, जिससे अन्य कार्य तो तुरंत बंद हो ही जायेंगे, लेकिन यदि रात का समय होगा तो वर्कशॉप में अंधेरा हो जायेगा।
इन सब दिक्कतों से बचने के लिये रिपेयरिंग के लिये आये उपकरण को सीरिज टेस्टिंग बोर्ड से चैक करते हैं। उपकरण यदि शॉर्ट होगा तो इस बोर्ड में लगा बल्ब पूर्ण प्रकाश के साथ जल जायेगा, परंतु वर्कशॉप का फ्युज नहीं उड़ेगा। सीरिज टेस्टिंग बोर्ड किसी भी इलेक्ट्रिशियन के लिये एक बहुपयेगी उपकरण होता है। सीरिज टेस्टिंग बोर्ड की बनावट : | इस सीरिज टेस्टिंग बोर्ड में एक सामान्य सीरिज सर्किट बना होता है। इस सर्किट के बीच में एक टू-पिन या श्री-पिन सॉकेट लगा हुआ होता है। सीरिज बोर्ड में एक बल्ब भी लगाया जाता है। इस बोर्ड की सर्किट चित्र में दी गई है।

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