Answer for टॉलरेन्स क्या होता है ? और ये कितने प्रकार का होता है ?

“किसी जॉब के अपर लिमिट साइज (upper limit size) तथा लोअर लिमिट साइज (lower limit size) के अन्तर को टॉलरेन्स कहते हैं।” टॉलरेन्स किसी जॉब की एक्यूरेसी (accuracy) को प्रदर्शित करती है। यह हमेशा धनात्मक (positive) रहती है तथा इसके साथ में कोई चिह्न प्रयोग नहीं किया जाता।
उदाहरण के लिए जॉब के साइज में दी गई टॉलरैन्स को यदि ग्राफ द्वारा दर्शाया जाए तो उसको टॉलरैन्स जोन कहते हैं।
+0.02 यदि किसी जॉब का साइज 25-0.01 के द्वारा दिया गया है तो जॉब की अपर लिमिट साइज = 25 + 0.02 = 25.02 मिमी
जॉब की लोअर लिमिट साइज 25 – 0.01 = 24.99 मिमी, जॉब की टॉलरेन्स = 25.02 – 24.99 = 0.03 मिमी टॉलरैन्स कई प्रकार की होती हैं।

फण्डामेन्टल टॉलरेन्स Fundamental Tolerance
भारत में ब्यूरो ऑफ इण्डियन स्टैण्डर्ड सिस्टम (BIS system) के द्वारा टॉलरेन्स 18 के ग्रेड्स निर्धारित किए गए हैं, जो कि विभिन्न प्रकार की फिट देने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। ये ग्रेड्स (grades) होल (hole) तथा शाफ्ट (shaft) दोनों के लिए समान रूप से कार्य करते हैं। जितना बड़ा नम्बर होता है उतनी ही ज्यादा बड़ी टॉलरेन्स जोन होती है। इनको ITO1, ITO, IT1, …, IT16 द्वारा दर्शाया गया है। विभिन्न व्यासों के लिए टॉलरैन्स के ग्रेड्स हम तालिका से ज्ञात कर सकते हैं। किसी टॉलरैन्स के साइज को दर्शाने के लिए पहले बेसिक साइज लिखा जाता है। तत्पश्चात् फण्डामेन्टल डेविएशन तथा उसके बाद टॉलरेन्स का ग्रेड; जैसे-30H7; इसमें 30 बेसिक साइज, H फण्डामेन्टल डेविएशन तथा 7 ग्रेड ऑफ टॉलरेन्स को प्रकट करता है।

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