Answer for ट्रैक्टर की वायरिंग कैसे करें ?
आमतौर पर घरेलू विद्युत वायरिंग में दो तार की वायरिंग की जाती है। इसमें एक निगेटिव तार होता है तथा दूसरा पॉजिटिव। इन दोनों को विद्युत यन्त्र अथवा लैम्प से जोड़ा जाता है। पॉजिटिव तार में ही स्विच की व्यवस्था करके उस यन्त्र अथवा लैम्प को चालू या बन्द किया जाता है। ट्रैक्टर की वायरिंग में इस प्रणाली का प्रयोग कुछ ही यन्त्रों के लिए किया जाता है जिन्हें चैसिस द्वारा अर्थ प्राप्त नहीं होता है। यह प्रणाली डबल पोल प्रणाली कहलाती है। दूसरी प्रणाली, जिसका प्रयोग ट्रैक्टर में अधिकतर किया जाता है, उसे सिंगल पोल प्रणाली कहते हैं। इस प्रणाली में बैटरी का निगेटिव अथवा पॉजिटिव टर्मिनल चैसिस के साथ अर्थ किया रहता है, क्योंकि चैसिस इस्पात की बनी होती है तथा वह विद्युत धारा की सुचालक है, इसलिए किसी भी यन्त्र अथवा लैम्प को चालू करने के लिए उसका सम्बन्ध चैसिस से तो रहता ही है, केवल एक तार निगेटिव अथवा पॉजिटिव यथास्थिति देकर उस यन्त्र या लैम्प का विद्युत परिपथ पूरा हो जाता है।
अधिकतर ट्रैक्टरों में बैटरी का निगेटिव टर्मिनल अर्थ किया जाता है, क्योंकि आजकल आल्टरनेटर का भी प्रयोग होता है। इसे निगेटिव अर्थ रिटर्न प्रणाली कहते हैं। जिन ट्रैक्टरों में पॉजिटिव टर्मिनल अर्थ किया जाता है, वह पॉजिटिव अर्थ रिटर्न प्रणाली कहलाती है।