Answer for ड्राइव मैकेनिज्म ऑपरेशन क्या होता है

सीडी रोम डिस्क लाइट के रिफलेक्शन से संचालित किया जाता है। संचालन की यह प्रक्रिया निम्न चरणों से गुजरती है
1. ड्राइव में एक लेजर डायोड होता है जो कम उर्जा वाली इन्फ्रारेड किरण को रिफलेक्टिंग मिरर के द्वारा प्रयोग करता है।
2. ड्राइव में लगी सर्वो मोटर प्रोसेसर से कमांड लेकर लेजर किरण को सही ट्रैक पर पोजीशन करती है। इसमें रिफलेक्टिव मिरर घूमता है।
3. जब लेजर बीम (किरण) डिस्क को हिट करती है तो यह रिफलेक्ट होती है और इसे प्लेटर में लगा पहला लेंस ग्रहण करता है और बीम स्पिलिटर तक भेज देता है।
4. ड्राइव में लगा यह बीम स्पिलिटर लेजर लाइट को एक दूसरे फोकसिंग लेंस की ओर मोड़ देता है।
5. ड्राइव में लगा अंतिम लेंस लाइट बीम को एक फोटो डिटेक्टर की ओर मोड़ देता है जो इसे विद्युतीय तरंगों में परिवर्तित कर देती है।
6. इन विद्युतीय तरंगों को माइक्रोप्रोसेसर के द्वारा डिकोड करके होस्ट कम्प्यूटर को डेटा के रूप में भेज दिया जाता है। निम्न चित्र में आप इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को समझ सकते हैं
सीडी के पिट्स एक सिंगल स्पाइरल ट्रैक के रूप में स्टाम्प होते हैं जिनके बीच की स्पेसिंग 1.6 माइक्रॉन्स होती है। एक मिलीमीटर में इनका घनत्व 625 होता है। एक इंच में ये 15875 बार होते हैं। इसकी वजह से 650 MB की एक डिस्क में इनकी संख्या 22188 टर्न होती है। एक सीडी मुख्य रूप से 6 भागों में विभाजित होती है। ये भाग निम्न हैं

1. हब क्लैम्प एरियाः डिस्क के बीच वाले में यह एरिया होता है इसे ड्राइव के मैकेनिज्म के द्वारा डिस्क पर पकड़ बनाने के लिये प्रयोग किया जाता है। इस एरिया कोई भी डेटा और सूचना स्टोर नहीं होती है।

2. पॉवर कैलीब्रेशन एरिया: यह एरिया केवल राइटेबल सीडी (CD-R/RW) में पाया जाता है और इसका प्रयोग रिकार्डेबल डिस्क ही करती हैं। इससे ड्राइवें उस लेजर पॉवर का पता लगाती हैं जिसकी जरूरत डिस्क को बर्न करने में होती है। एक सिंगल CD-R या CD-RW डिस्क को इसके द्वारा 99 बार टेस्ट किया जा सकता है।

3. प्रोग्राम मेमोरी एरिया: इस एरिया को संक्षेप में और तकनीकी भाषा में PMA कहा जाता है। यह एरिया CD-R और CDRW डिस्कों में होता है। इसमें अस्थायी तौर पर TOC लिखे जाते हैं जब तक कि रिकार्डिंग सेशन कम्पलीट या क्लोज नहीं हो जाता है। टेबल ऑफ कंटेंट की यह सूचना lead-in एरिया में होती है

4. Lead-in: डिस्क के इस एरिया में TOC, Q सब कोड चैनल के रूप में होते हैं। TOC में शुरुआती पता और समस्त ट्रैक्स की लंबाई के बारे में सूचना निहित होती है। इसके अलावा इस भाग यह भी सूचना समाहित होती है कि डिस्क का टोटल प्रोग्राम या डेटा एरिया कितना है इसमें कितने रिकार्डिंग सत्र हैं।
⇨ इस भाग के अंतर्गत 4500 सेक्टर होते हैं जोकि एक मिनट समय या 9.2 MB जगह घेरते हैं।

⇨ यदि डिस्क रिराइटेबल है जो लीड-इन एरिया यह सूचना भी समाहित होती है कि डिस्क कहां तक भरी हुई है और नया सत्र कहां से शुरू होगा।

5. प्रोग्राम डेटा एरियाः डिस्क के केन्द्र से यह भाग 25mm की दूरी से शुरू होता है।

6. लीड-आउट: यह भाग डेटा एरिया के अंतिम छोर को दर्शाता है। यह मल्टीसेशन और सिंगल सेशन डिस्क के अंतिम छोर पर होता है। इसमें वास्तविक डेटा को नहीं लिखा जा सकता है और यह एक सामान्य मार्कर के तौर पर होता है। एक सामान्य और पहला लीड – आउट एरिया 6750 सेक्टर लंबा और 13.8 MB जगह घेरता है। यदि डिस्क मल्टीसेशन है और इसमें कई लीड-आउट एरिया हैं तो पहले के बाद वाला प्रत्येक लीडआउट एरिया 2250 सेक्टर या 4.6 MB जगह घेरता है।

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