Answer for धनुरासन कैसे करे
धनुरासन कैसे करे
पेट के भार लेट जाओ। अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ें और दायीं टांग की एड़ी को दायें नितंब पर और बायीं टांग की एड़ी को बायें नितंब पर रख दें। फिर दोनों हाथों को पीठ पर ले जाकर दायें हाथ से दायें पैर का अंगूठा पंजे समेत पकड़ लें और बायें हाथ से बायें पैर के अंगूठे और पंजे को पकड़ लें। एड़ी नितंब को स्पर्श करती रहेगी। दोनों घुटने आपस में मिले रहने चाहिएं। यदि दोनों टांगों के घुटने अच्छी तरह से मिल सकते हैं तो ज़रूर मिलाने चाहिएं। यदि न मिल सकें तो इसके लिए ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं करनी चाहिए। ज़रूरत होने पर ही ऐसा करो, क्योंकि लगातार अभ्यास करते रहने से ये अपने आप मिलने लगेंगे। उपरोक्त स्थिति में आने पर सांस खींचो और फिर सांस रोक कर दोनों टांगों को दोनों हाथों से ऊपर की ओर खींचना चाहिए। शुरू में उतना ही तानो जितना बिना कष्ट के तान सकें। नियमपूर्वक अभ्यास करने से पूर्ण स्थिति प्राप्त हो जाती है। घुटनों से लेकर पांवों तक दोनों हाथों की सम्पूर्ण स्थिति मिलकर ऐसा रूप धारण करेगी जैसे धनुष की डोरी खींची हुई हो-सिर, धड़ और जांघों की स्थिति इस तरह लगती है जैसे चढ़ा हुआ धनुष हो, अर्ध गोलाकार।। नये-नये अभ्यास करने वालों को शुरू में टांगों को तानने में कठिनाई महसूस हो तो धीरे-धीरे सांस भी । ले सकते हैं। आरम्भिक अवस्था में आठ-दस सैकिण्ड ही इस आसन की क्रिया करो। इस आसन से खून का संचार पेट की ओर काफी मात्रा में होने लगता है, जिस कारण खाया हुआ अनाज सुचारु ढंग में ठीक तरह हज़म हो जाता है। भूख भी खूब तेज़ लगती है और पाचन शक्ति बढ़ती जाती है। आमाशय और आंतों के दोष दूर करने के लिए धनुरासन का विशेष महत्त्व है। इससे धातु रोग का शमन होता है। संपूर्ण मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) लचकीला और मज़बूत होता है। रीढ़ की हड्डी से निकलने वाले स्नायु बलशाली होते हैं। पेट की चर्बी घटती है। बाजुओं और कंधों में मज़बूती आती है। आम तौर पर पेट के सभी रोगों से छुटकारा मिल जाता है।