Answer for नायलॉन धागों कितने प्रकार के होते है

नायलॉन धागे निम्नलिखित प्रकार के होते हैं –
(a) इकहरे धागे (Monofilament yarn)
(b) बहुरेशीय धागे (Multifilament yarn)
(c) स्पन धागे (Spun yarn)
(d) स्ट्रैच धागे (Stretch yarn) ‘
(e) टैक्सचर धागे (Texture yarn)

(a) इकहरे धागे (Monofilament yarn) : वांछित मोटाई का धागा उतने ही स्पिनेरेट के छिद्र में से निकालते हैं। एक सिंगल धागे से बना हुआ यह धागा होता है तथा बिना बटाई किया हुआ धागा कमजोर होता है। इसका प्रयोग हौज़री वाले करते हैं।

(b) बहुरेशीय धागे (Multifilament yarn): बहुत से रेशों कोमिलाकर एक मोटा रेशा वांछित व्यास के आधार पर प्राप्त होता है। मोटा होने से वह सुन्दर बटाई होने से इकहरे धागे से अधिक मजबूत होता है।

(c) स्पन धागे (Spun yarn) : जैसा कि आप जानते हैं कि छोटे-छोटे रेशों को मिला कर, कातकर जो धागे तैयार किए जाते हैं उनसे बुनकर जो वस्त्र तैयार होता है, उसे स्पन वस्त्र कहते हैं। इन धागों में कताई से तैयार किए हुए नायलॉन के धागे लम्बे फिलामैंट धागों से अधिक मजबूत होते हैं।

(d) स्ट्रैच धागे (Stretch yarn) : फिलामैंट नायलॉन के धागों को जब खींचकर उनकी लम्बाई बढ़ा देते हैं और व्यास कम कर देते हैं (जितना चाहिए उतना ही) तथा उनको धुंघराला भी बना देते हैं तो स्ट्रैच धागे कहलाते हैं। ऐसे धागों का प्रयोग हौजरी के कार्यों में किया जाता है। तभी हौजरी के बने कपड़े बदन पर चिपक जाते हैं और उतार देने पर अपनी पूर्व शेप में आ जाते हैं।

(e) टैक्सचर धागे (Textureyarn) : कुछ धागों में पास-पास कुछ में दूर-दूर धागे के लूप्स बनाते हैं। यह कार्य एक मशीन के द्वारा होता है। इसमें प्लाई (ply) संख्या भी देखी जाती है। धागों से प्रायः ओढ़ने वाले वस्त्र अर्थात शॉल, कम्बल, चादरें बनाई जाती हैं। इसके उपरान्त पांच तरह के धागे बनने के बाद उन धागों से वस्त्र के रूप में प्रयोग होने वाला कपड़ा बुना जाता है। ये तीन प्रकार के वस्त्र इन धागों से बुने जा सकते हैं –

(i) नायलॉन के वस्त्र : शुद्ध नायलॉन के रेशों से कम वज़न वाले, देर तक चलने वाले तथा रगड़ का प्रभाव कम होने वाले टिकाऊ वस्त्र बनाए जाते हैं। प्योर नायलॉन के होने के कारण wrinkle भी नहीं बनते हैं।

(ii) मिश्रित वस्त्र : नायलॉन के रेशों को ऊन के साथ मिक्स करके बनाई करें तो ऊनी वस्त्र के गण तथा कपास के रेशों के साथ बुनाई करें तो कपासीय गुण आ जाते हैं। मिक्स (mix) करने वाला जो रेशा अधिक होगा उसी के गुण व विशेषताएं अधिक होंगी।

(iii) शक्ति अधिक देना (To give more strength to the fibre) : कुछ एक वस्त्रों में किसी अन्य रेशों से बुनाई करके ऐसे स्थान जहां अधिक जोर पड़ता है जैसे कोहनी, बगल, घुटना आदि स्थानों पर नायलॉन की मिक्सिंग कर देते हैं, वहां पर ऐसे जोर पड़ने वाले स्थानों को अधिक शक्ति देने से वस्त्र में मजबूती अधिक हो जाती है। प्रायः निटिंग मशीनों में निटिड (knitted) कपड़ों में इस तरह की मिक्सिग की जाती है।

Back to top button