Answer for पुनः आवेशन किसे कहते है ?

सैल के अनावेशित हो जाने के बाद उसे डी.सी. स्रोत से जोड़कर पुन: आवेशित किया जाता है। यह क्रिया आवेशन क्रिया के समान होती हैं और इसके अन्तर्गत वही रासायनिक क्रियाएँ होती है जो कि आवेशन क्रिया के अन्तर्गत होती हैं। इस क्रिया में गन्धक के अम्ल (H,SOM) के निर्माण के कारण, इलेक्ट्रोलाइट का आपेक्षिक घनत्व बढ़ जाता है।

दोष Defects
लैड-एसिड सैल में निम्न चार प्रकार के दोष पाए जाते हैं।

सेडीमेन्टेशन (Sedimentation)
लैड-एसिड सैल की प्लेटें ठोस धातु की न होकर रैड-लैड (Pb30.) की लुगदी से बनी होती हैं। अतः पुनः आवेशन तथा अनावेशन क्रियाओं में लुगदी का कुछ अंश झड़ जाता हैं। इसके अतिरिक्त जल के विद्युत-विच्छेदन के कारण जल की अशुद्धियाँ सैल की तली में एकत्र हो जाती है। इस प्रकार अधिक अशुद्धियाँ तली में एकत्र हो जाने पर प्लेटों के ‘शॉर्ट-सर्किट’ होने की सम्भावना पैदा हो जाती है; यह दोष सेडीमेन्टेशन कहलाता है।

निवारण (Remedy)
इस दोष के निवारण हेतु जब भी आवश्यक हो सैल में आसुत जल (distilled water) ही डालें।

कोरोजन (Corosion)
वायुमण्डल की नमी तथा अम्ल के छिटकने के कारण सैल के संयोजकों पर ताँबे तथा लैड के ऑक्साइड की एक सफेद-नीली पर्त पैदा हो जाती है, जो सैल के संयोजकों का चालक तार से पूर्ण सम्बन्ध स्थापित होने में बाधक बन जाती है; यह दोष कोरोजन कहलाता है।

निवारण (Remedy)
इस दोष के निवारण हेतु सैल के संयोजकों को गर्म पानी में भीगे कपड़े से समय-समय पर साफ करते रहना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, संयोजकों पर ग्रीस का पतला लेप चढ़ा देना भी लाभदायक होता है।

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