Answer for प्रिंटिंग की क्या तकनीक होती है

⇨ इंकजेट प्रिंटर में प्रिंटिंग का कार्य इसमें लगे प्रिंट हैड के द्वारा किया जाता है। प्रिंट हैड इसका सबसे उपयोगी भाग होता है और आपको प्रिंटर प्रयोग करते समय इसी से मतलब रखना होता है। यदि यह गंदा है तो अच्छी क्वालिटी की प्रिंटिंग नहीं होगी।

⇨ प्रिंटरों में दो तरह के प्रिंट हैड प्रयोग किये जाते हैं। एक तरह के प्रिंट हैड एकदम आत्मनिर्भर होते हैं और यह प्रिंटर का अभिन्न अंग होते हैं। जबकि दूसरे तरह के प्रिंट हैड में इंक कार्टिज़ भी जुड़ी होती है।

⇨ इपसन (EPSON) कम्पनी के प्रिंटर में हैड अलग होता है और अंक काट्रिज अलग होती है जबकि HP कम्पनी के प्रिंटर में हैड और इंक काट्रिज एक ही होते हैं, इसलिय जब इंक समाप्त होती है तो इसकी काट्रिज को हैड के साथ बदलना होता है। निम्न चित्र में आप दोनों तरह के प्रिंट हैड्स को देख ‘ सकते हैं

⇨ इसमें रिबन के स्थान पर गीली स्याही से भरी हुई काट्जि लगाते हैं। यह कार्टिज दो भागों में होती है और यह दोनों भाग अलग-अलग होते हैं। एक भाग में काले रंग की स्याही होती है और दूसरे भाग में मैजेंटा, पीले और नीले रंग की स्याही होती है। इस प्रिंटर का हैड इस स्याही की फुआर छोड़कर प्रिंटिंग का कार्य करता है। दिये हुए चित्र में आप प्रिंटर में लगी चारों इंक काट्रिज को देख सकते हैं

⇨ आज इंकजेट प्रिंटर का प्रयोग बड़े-बड़े बैनर प्रिंट करने के लिये किया जाता है, इसके अलावा इसकी प्रिंटिंग गुणवत्ता बढ़ने से बड़ी-बड़ी कम्पनियों में भी इसे प्रयोग किया जाता है। ऐसे में जो इंक काट्रिज इसमें लगाते हैं वह जल्दी समाप्त हो जाती है। इसलिये अब इंकजेट प्रिंटरों के साथ एक्सटर्नल इंक काट्रिज को प्रयोग किया जाता है। इनमें बहुत अधिक मात्रा में स्याही आती है और बहुत ज्यादा प्रिंट आउट प्राप्त किये जा सकते हैं। चित्र में आप एक्सटर्नल इंक काट्रिज को देख सकते हैं

⇨ इस एक्सटर्नल इंकजेट प्रिंटर इंक को प्रिंटर में पहले से लगी काट्रिज से न जोड़कर इसके लिये विशेष रूप से बनायी गयी काट्रिज से जोड़ते हैं। ये निर्वात या वैक्यूम तकनीक का प्रयोग करके प्रिंटर में लगी काट्रिज में इंक पहुंचाती हैं, जिससे प्रिंटर प्रिंटिंग करता है।

⇨ इंकजेट प्रिंटर की निर्माता कम्पनियां इसके लिये एक स्पेशल असेम्बली का निर्माण करती हैं। जो प्रिंटर के साथ फिट हो जाती है। निम्न चित्र में आप एक ऐसी असेम्बली को प्रिंटर से फिट की गयी अवस्था में देख सकते हैं –

⇨ इंकजेट प्रिंटर की तकनीकी रूपरेखा को आप निम्न चित्र में देख सकते हैं और इसे स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं

⇨ इसे आप कम्प्यूटर की पैरलल और यूएसबी पोर्ट से जोड़ सकते हैं। वर्तमान समय में ज्यादातर इंकजेट प्रिंटर यूएबी पोर्ट पर आधारित होते हैं और यह पोर्ट सभी पेंटियम प्रोसेसर युक्त कम्प्यूटरों में भी होती है। चित्र में प्रिंटर के और कम्प्यूटर के उन भागों को दर्शाया गया है जहाँ से इन्हें आपस में जोड़ते हैं

⇨ कई इंकजेट प्रिंटरों में पॉवर सप्लाई के लिये एडेप्टर का प्रयोग किया जाता है और कई प्रिंटर अपने आप में ऐसी पॉवर सप्लाई से युक्त होते हैं जिसे सीधे-सीधे 220V से जोड़ा जा सकता है। इस तरह के प्रिंटरों में एडेप्टर प्रिंटर के अंदर ही समाहित होता है।

1. प्रिंटर 2. एडेप्टर 3. मेन पॉवर सप्लाई ⇨ ज्यादातर इंकजेट प्रिंटर 12V DC करेंट से चलते हैं और इनके साथ लगा एडेप्टर 220V AC करेंट के 12V DC में बदल देता है। ⇨ इसके द्वारा सामान्य प्रिंटिंग से लेकर फोटो क्वालिटी तक की प्रिंटिंग की जा सकती है। फोटो क्वालिटी की प्रिंटिंग करने के लिए एक विशेष कागज का प्रयोग किया जाता है। जो सामान्य * कागज से काफी महंगा होता है।

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