Answer for फॉयरवाल से से ई-मेल सुरक्षा किसे कहते है

→ जब आप इंटरनेट से जुड़े होते हैं, तो मान कर चलें कि बाहरी हमलों के लिए आपका कंप्यूटर खुला हुआ है। ऑनलाइन पर ढेरों ऐसी अनावश्यक चीजें होती हैं, जो आपके कंप्यूटर में घुसने में सफल हो सकती हैं और सिस्टम ठप कर सकती हैं।

• ज्यादातर ब्राडबैंड सप्लायर अपने ग्राहकों को हाई स्पीड ट्रांसफर रेट, फुल स्क्रीन वीडियो और वेब से सीधे कनेक्शन का वायदा तो करते हैं, लेकिन ये कंपनियां यह बता पाने में नाकाम रहती हैं कि ढेरों अनचाही चीजों, जो वायरस, घुसपैठियों के रूप में ही खास तौर से होती हैं, के लिए आपका पीसी एक मेजबान भी बन जाता है।

– इस तरह कंप्यूटर का इंटरनेट से जुड़ना खतरे से खाली नहीं होता। सैद्धांतिक रूप से यह कहा जाता है कि इंटरनेट से जुड़ा कोई भी पीसी हमले के लिए खुला होता है। लेकिन जब आपका मॉडेम एक या दो घंटे से ज्यादा इंटरनेट से जुड़ता है, और ब्राडबैंड हमेशा चालू रहने के लिए डिजाइन किया गया है, तो फिर आप इंटरनेट हैकरों से हमेशा बच सकते हैं।

– सबसे ज्यादा बाधाएं पोर्ट स्कैनिंग की वजह से आती हैं। पोर्ट आपके पीसी के भीतर और बाहर दरवाजों के समान होते हैं। यदि आपका पीसी इंटरनेट से सूचनाएं प्राप्त करना चाहता है, या सूचनाएं भेजना चाहता है तो डेटा पैकेट ट्रांसफर करने के लिए इसे एक पोर्ट खोलना पड़ता है।

→ विशेष कार्यों के लिए विशेष पोर्ट होते हैं। जैसे- टीसीपी पोर्ट 80 वेब से जुड़ने के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि टीसीपी पोर्ट-21 एफटीपी (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) सेवाओं के लिए काम में लाया जाता है।

– हैकर, इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर पर पोर्ट स्कैनिंग प्रोग्राम चलाते हैं और जिस कंप्यूटर के भी पोर्ट खुले पाते हैं, तुरंत ही उन पर कब्जा कर लेते हैं और एक बार जब कोई हमलावर आपके पीसी में घुस गया तो वह आपकी सारी फाइलों को उड़ा देगा, आपका पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड ब्यौरा मारने की कोशिश में रहेगा और वायरस से पूरी मशीन को संक्रमित कर डालेगा।

– इसके अलावा हाइजेकर आपके पीसी में एक ऐसा कोड इंस्टाल कर देगा, जिसका कि आपको पता ही नहीं चल पाएगा। डॉस (डिनायल ऑफ सर्विस) हमले में लक्षित इंटरनेट सर्वर डेटा पैकटों से भर जाता है और अस्थाई रूप से आप उसका उपयोग नहीं कर सकते।

– इससे भी ज्यादा घातक हमला डीडीओएस का होता है। इसे डिस्ट्रीब्यूटेड ऑफ सर्विसेज कहा जाता है। इस प्रकार के हमले में बड़ी संख्या में जुड़े कंप्यूटरों को सर्वर जाम करने के लिए निर्देश दिया जाता है। अगर ये कंप्यूटर निर्दोष होते हैं और इन्हें बैकडोर प्रोग्रामों से नियंत्रित किया जाता है।

– वार्म, वायरस और ट्रॉजन हार्स के माध्यम से बैकडोर प्रोग्रामों को इंस्टाल किया जा सकता है। ट्रॉजन होर्सेस नए गेम, एप्लिकेशन या यूटिलिटी के रूप में आते हैं, लेकिन इनका असल मकसद आपके कंप्यूटर में बैकडोर प्रोग्राम इंस्टाल करना होता है।

चूंकि ट्रॉजन होर्सेज अक्सर ई-मेल अटैचमेंटों के साथ आते हैं, तो ऐसे में इस बात की काफी संभावना रहती है कि आप उन्हें अनजाने में ही अपने सिस्टम में आमंत्रित कर लें और वे घुसपैठिए के रूप में घुस जाएं।

स्थाईवेयर इसी तरह से एक बैकडोर प्रोग्राम के रूप में काम करता है। वह आपकी हार्ड ड्राइव में घुसकर आपकी सारी निजी सूचनाएं जैसे- आप कौन सा ई-मेल कहां भेज रहे हैं और उसके लिए कौन सी की दबा रहे हैं, कौन सी वेबसाइट देख रहे हैं आदि प्रसारित कर देता है।

– कुल मिलाकर महत्वपूर्ण यह है कि आपको इस पर निगाह रखनी पड़ेगी कि कौन आपके पीसी से जुड़ रहा है और इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यही है कि एक अच्छा फायरवाल साफ्टवेयर आप पीसी में इंस्टाल कर लें, जो आपके पीसी के लिए कड़ी सुरक्षा का काम करे। फायरवाल आने-जाने वाले हर डेटा पर कड़ी निगरानी रखता है।

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