Answer for बकलिंग किसे कहते है ?

लैड-एसिड सैल को अधिक विद्यत धारा दर पर आवेशित अथवा विसर्जित करने पर उसकी प्लेटों के ऐंठ जाने और आपस में ‘शॉर्ट-सर्किट’ हो जाने की सम्भावना पैदा हो जाती है। यह दोष बकलिंग कहलाता है।

निवारण (Remedy) एसिड सैल को 6 एम्पियर से अधिक विद्युत धारा दर पर आवेशित करना और 25 एम्पियर से अधिक विद्युत धारा पर विसर्जित नहीं करना चाहिए। इस प्रकार, सैल में बकलिंग दोष पैदा नहीं हो पाता।

सल्फेशन (Sulphation) यदि लैड-एसिड सैल एक सप्ताह से अधिक समय तक अप्रयोगित अवस्था में पड़ा रहे तो प्लेटों का लैड-सल्फेट कड़ा होने लगता है और सैल का पुन: आवेशन कठिन हो जाता है; यह दोष सल्फेशन कहलाता है।

निवारण (Remedy) लैड-ऐसिड सैल को प्रति सप्ताह कम-से-कम एक बार आवेशित तथा विसर्जित करते रहना चाहिए। यदि किसी कारण किसी सैल में यह दोष स्थायी रूप धारण कर ले तो उसे निम्न विद्युत धारा दर (1 एम्पियर) पर लम्बे समय तक आवेशित करके (ट्रिकिल आवेशन) ठीक करने का प्रयास करना चाहिए।

अन्य विशिष्टियाँ (Specifications)

पूर्ण आवेशित अवस्था में लैड-एसिड सैल का विद्युत वाहक बल 2.2 वोल्ट प्रति सैल होता है। सैल की विद्युत धारा प्रदान करने की क्षमता प्लेटों के आकार तथा उनकी संख्या पर निर्भर करती है। इसका आन्तरिक प्रतिरोध कम (2 ओह्म तक) होता है।

उपयोग (Use) लैड-एसिड सैल का उपयोग बैटरी के रूप में मोटर गाड़ियों, रेल गाड़ियों आदि में उच्च दर पर विद्युत धारा प्रदान करने वाले एवं पुनरावेशित किए जा सकने वाले डी.सी. स्रोत के रूप में किया जाता है।

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