Answer for ब्रेकों का समंजन कैसे किया जाता है ?
ब्रेकों के लगातार प्रयोग से ब्रेक लाइनिंग, ड्रम, लिंकेज आदि घिस जाते हैं, जिससे समय पर ब्रेकिंग प्रणाली की जाँच और उपयुक्त समंजनों की आवश्यकता पड़ती है। ब्रेक समंजनों को मुख्यतः दो प्रकारों में बाँट सकते हैं अर्थात् गौण और मुख्य समंजन। गौण समंजन में मुख्यतः होता है लाइनिंग की घिसाई की पूर्ति के लिए ब्रेक गुटकों का समंजन, जो बिना पहिये उतारे ही करते हैं। दूसरी ओर मुख्य समंजन नए गुटके लगाने के बाद या पुराने गुटकों पर नई लाइनिंग लगाने के बाद करते हैं अथवा सामान्यतः तब करते हैं जब गौण समंजन सन्तोषजनक ब्रेक ऑपरेशन प्रदान करने में विफल रहता है।
गौण समंजन Negligible Adjustment
सामान्यतः ट्रैक्टर-भार के वितरण के कारण पिछली ब्रेक लाइनिंगों की अपेक्षा अगली ब्रेक लाइनिंगें जल्दी घिसती हैं, इसलिए अगले ब्रेक-ड्रमों में से एक को खोलकर उसकी जाँच करते हैं। यदि निम्नलिखित स्थितियाँ नहीं पाई जातीं, तो गौण समंजन प्राय: पर्याप्त होता है।
1. घिसा हुआ ब्रेक ड्रम
2. ब्रेक लाइनिंग तेल में भीगी हुई तथा
3. ब्रेक लाइनिंग रिवेट-शीर्षों तक घिसी हई।
परन्तु यदि उपरोक्त में से कोई भी स्थिति पाई जाती है, तो गौण समंजन पर्याप्त नहीं रहेगा। जाँच के बाद ब्रेक ड्रम को दोबारा लगा दें। गौण समंजन करने के लिए ट्रैक्टर के नीचे जैक लगाएँ, ताकि पहिया फर्श से साफ ऊपर उठ जाए।
फिर एक के बाद एक लाइनिंग की घिसाई के लिए ब्रेक गुटकों का समंजन करें। वायु-ब्रेकों में, लाइनिंग की घिसाई की क्षतिपूर्ति के लिए ढील • समंजक प्रयोग करते हैं। सभी गुटकों का समंजन करने के बाद, ‘मुक्त पैडल चाल’ की जाँच करते हैं। यह समंजन बहुत आवश्यक है, क्योंकि विशेषतः द्रवचालित ब्रेकों की रिलीज स्थिति में मास्टर सिलेण्डर पिस्टन के कप की गति इतनी हो कि उपमार्ग पोर्ट पूर्णत: खुली रहे, नहीं तो बार-बार ब्रेकें लगने से उत्पन्न ऊष्मा के कारण ब्रेके जाम हो जाएंगी। मुक्त पैडल चाल की यथार्थ मात्रा ट्रैक्टरों की शॉप-पुस्तिका से पता चलती है, परन्तु सामान्यत: यह लगभग 5mm से 20 mm तक होती है। इस समंजन को लिंकेज के उपयुक्त समंजन द्वारा करते हैं, जिसकी पूर्ण विधि ट्रैक्टर के मेक तथा मॉडल पर निर्भर करती है।
मुख्य समंजन Main Adjustment
ब्रेकों के मुख्य समंजन के लिए सभी ब्रेक ड्रमों को खोलकर लाइनिंग और ड्रमों का निरीक्षण करें। यदि ड्रम घिसे हुए हैं अथवा खुरचे हुए हैं और यदि क्षति सीमाओं के भीतर है तो उनको खराद दें। यदि लाइनिंग घिसकर रिवेट-शीर्षों के 1 mm तक आ चुकी हैं तो उन्हें उतारकर नई लाइनिंग लगा दें। यदि ब्रेकें द्रवचालित हैं और व्हील सिलेण्डरों पर ब्रेक-द्रव का रंग काला है, तो सम्पूर्ण ब्रेक प्रणाली को फ्लश करें। मास्टर सिलेण्डर तथा व्हील सिलेण्डरों को खोलकर उनके सभी भागों का निरीक्षण करें और क्षतिग्रस्त भाग बदल दें। उसके बाद पर्याप्त मात्रा में ब्रेक-द्रव भरकर ब्रेक प्रणाली से पूर्णत: हवा निकाल दें। उसके बाद ब्रेक ऐंकरों तथा गुटकों का सही समंजन करें तथा मुक्त पैडल चाल की जाँच भी करें। यदि सीमाओं के भीतर न पाई जाए, तो इसका समंजन करें।