Answer for ब्रेक व्यवस्थापन कितने प्रकार के होते है ?

सभी प्रकार के ब्रेकों में प्राय: दो तरह के व्यवस्थापन आवश्यक होते हैं। इनके सही होने से ही ब्रेको सम्बन्धी बहुत-से दोष दूर हो जाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं

ब्रेक पैडल व्यवस्थापन (Brake Paddle Adjustment)
ब्रेक पैडल में अधिक-से-अधिक 1/4 से 1/2 तक फ्री चाल रहनी चाहिए। यदि ब्रेक पैडल की फ्री चाल अधिक होगी, तो पूरा ब्रेक पैडल दबाने पर ही ब्रेक ठीक प्रकार से लगेंगे। यदि फ्री चाल कम होगी, तो हो सकता है ब्रेक श ड्रम से रगड़ खाकर चलें, जिससे हर समय पहिये में ब्रेक लगता रहे। इस व्यवस्थापन के लिए ब्रेक पैडल से सम्बन्धित पुश रॉड पर ही व्यवस्था रहती है।

ब्रेक शू व्यवस्थापन (Brake Shoe Adjustment)
ब्रेक किसी भी प्रकार का हो, वह तब ही अच्छा कार्य करेगा जब ब्रेक ड्रम तथा ब्रेक शू के बीच कम-से-कम अन्तर (gap) रहेगा। यदि यह अन्तर सभी पहियों में एकसमान नहीं होगा तो ट्रैक्टर ब्रेक लगाने पर एक ओर भागेगा। इसके अतिरिक्त जिन पहियों के ब्रेक शू तथा ब्रेक ड्रम में अन्तर कम होगा, तो हो सकता है कि ब्रेक शू, ब्रेक ड्रम से रगड़कर चलें, इससे उस पहिये का टायर शीघ्र घिसेगा। स्टीयरिंग पर भी कण्ट्रोल ठीक प्रकार नहीं होगा, इसलिए ब्रेक शू तथा ब्रेक ड्रम के बीच अन्तर सही व्यवस्थित करना आवश्यक है। इसके लिए ब्रेक प्लेट (ऐंकर प्लेट) के पीछे दोनों ब्रेक शू के लिए अलग-अलग एडजस्टिंग नट लगे होते हैं। इनका सम्बन्ध प्लेट के आगे की ओर लगी एसेन्ट्रिक कैमों से रहता है। नट के घुमाने से यह कैम ब्रेक शू को बाहर या भीतर की ओर करती है। इस विधि के अतिरिक्त व्हील सिलेण्डर के दोनों ओर धातु कवर (metallic cover) भी इस कार्य के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इन पर खाँचे कटा हुआ रिंग लगा रहता है। ब्रेक प्लेट पर बने छेदों में से ऑफसैट पेंचकस (offset screwdriver) के द्वारा व्हील सिलेण्डर के कवर पर लगे रिंग को खोल या कस कर ब्रेक शू को बाहर या भीतर सरकाया जा सकता है, क्योंकि ब्रेक शू इन्हीं के साथ सटे रहते हैं। ब्रेक शू को व्यवस्थित करने के लिए कोई भी तरीका ट्रैक्टर में प्रयोग किया गया हो, उसे व्यवस्थित करने के लिए निम्नलिखित क्रिया करनी चाहिए
1. जिस पहिये के ब्रेक शू व्यवस्थित करने हों, उसे जैक (jack) पर उठा लें।
2. एक ब्रेक शू को बाहर की ओर फैलाकर पहिया जाम कर दें।
3. उसी ब्रेक शू को धीरे-धीरे अन्दर की ओर सरकाएँ। जैसे ही पहिया फ्री घूमने लगे शू का सरकाना बन्द करें, परन्तु यह ध्यान रहे कि ब्रेक ड्रम से ब्रेक शू के रगड़ खाने की कोई आवाज न आ रही हो।
4. इसी प्रकार दूसरे ब्रेक को व्यवस्थित करें। इस प्रकार ब्रेक शू तथा ब्रेक ड्रम के बीच कम-से-कम अन्तर व्यवस्थित किया जाता है।

ब्लीडिंग Bleeding
किसी भी ट्रैक्टर में हाइड्रॉलिक प्रणाली तब ही अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य करती है, जब वह वायुरहित हो। इसके लिए व्हील सिलेण्डर एवं मास्टर सिलेण्डर को वायुरहित किया जाता है और इस क्रिया को ही ब्लीडिंग कहते हैं। ब्लीडिंग क्रिया करते समय कुछ विशेष सावधानियाँ रखने की जरूरत होती है।

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