Answer for ब्लुटुथ की क्या तकनीक होती है

→इस तकनीक में बिना लाइसेंस वाले 2.4 Ghz बैंड को प्रयोग किया जाता है। जिसमें स्प्रेड क्रम तकनीक वाली फ्रिक्वेंसी का प्रयोग होता है।
– इस तकनीक को 1994 में इरिक्शन नामक कंपनी के द्वारा प्रयोग किया गया। यह छोटी रेंज के कम्युनीकेशन प्रोटोकॉल में प्रयोग होती है और इसे IEEE 802.15 का स्टैंडर्ड प्राप्त है।
– 1998 में इस तकनीक का प्रयोग नोकिया, इरेक्शन, इंटेल और तोसीवा कंपनियों ने किया तथा ब्लुटुथ SIG ग्रुप की स्थापना की। कुछ समय उपरांत माइक्रोसॉफ्ट और मोट्रोला जैसी बड़ी कंपनियों ने भी इस ग्रुप को ज्वाइंट कर लिया और आज इसके सदस्यों की संख्या 1500 से ज्यादा है।
→ इस तकनीक को प्रयोग करके आप मोबाइल फोन से कम्प्यूटर में और कम्प्यूटर से मोबाइल फोन में डेटा स्थानांतरित कर सकते हैं।
– जिस प्रिक्वेंसी को इस तकनीक में प्रयोग किया जाता है वह बहुत ही तेजी से रेडियो ट्रांसमिशन के दौरान बदलती है। जिसकी वजह से गैर कानूनी एक्सेस को रोकने में मदद मिलती है और यही कारण है कि ब्लुटुथ कम्युनीकेशन को ज्यादा सुरक्षित समझा जाता है।
– जब दूसरे वॉयरलेस उपकरण ब्लुटुथ ट्रांसमिशन में हस्तक्षेप करते हैं तो यह ट्रांसमिशन रुकता नहीं है केवल इसकी गति कम हो जाती है।
– आप इस तकनीक के द्वारा आवाज और डेटा दोनों को प्रयोग कर सकते हैं। यह आपको एड हॉक नेटवर्क बनाने की सुविधा भी प्रदान करती है तथा इसमें बहुत ही कम मात्रा में विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
– इसके अतिरिक्त इसकी लागत भी बहुत कम है। यदि इस तकनीक की खामियों की बात की जाए तो इसकी रेंज कम होती है, धीमी गति से डेटा स्थानांतरित होता है और इसमें RF .. बैंड शेयर होता है।

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