Answer for भंजनात्मक क्या होता है और ये कितने प्रकार के होते है ?

इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण परीक्षण यान्त्रिक परीक्षण होता है, क्योंकि वेल्ड जोड़ की वास्तविक सामर्थ्य (strength) इन्हीं परीक्षणों के द्वारा सीधे-सीधे ज्ञात की जा सकती है। विभिन्न परिस्थितियों में पड़ने वाले विभिन्न प्रकार के भारों को सहन करने की सामर्थ्य ज्ञात करने के लिए यान्त्रिक परीक्षण किए जाते हैं। ये निम्न प्रकार के होते हैं

तन्यता परीक्षण Tensile Test
इस परीक्षण के द्वारा वेल्ड जोड़ की तन्यता सामर्थ्य (tensile strength), पराभव बिन्दु (yield point), प्रत्यास्थता गुणांक (modulus of elasticity), तन्यता (ductility), वृद्धि प्रतिशतता (percentageelongation) तथा क्षेत्रफल में कमी की प्रतिशतता (percentage reduction of area) आदि गुणों की जाँच की जाती है। तन्य सामर्थ्य निकालने के लिए इस नमूने को तन्यता परीक्षण मशीन या यूनिवर्सल परीक्षण मशीन के जबड़ों में बाँधकर तन्य बल लगाया जाता है। धीरे-धीरे इस तन्य बल को बढ़ाते जाते हैं जब तक कि नमूना खिंचकर टूट न जाए। इस प्रकार तन्य बल तथा गेज लम्बाई की बढ़ोत्तरी को नोट कर लेते हैं। टूटे दोनों टुकड़ों को जोड़कर लम्बाई L,और क्षेत्रफल A, जहाँ से फ्रैक्चर हुआ है, नोट कर लिया जाता है तथा निम्न सूत्रों से पराभव सामर्थ्य, अधिकतम तन्य सामर्थ्य आदि ज्ञात कर लेते हैं । पराभव सामर्थ्य (yield strength)
= पर _पराभव बिन्दु पर लोड वास्तविक क्षेत्रफल अधिकतम बल P अधिकतम तन्य सामर्थ्य (ultimate tensile strength)
= वास्तविक वृद्धि प्रतिशतता (percentage elongation)
= T x100 __Lo -Lo.. क्षेत्रफल में कमी की प्रतिशतता (% reduction in area)
= – ____A-A-100

नम्यता परीक्षण Bend Test
यह परीक्षण सबसे आसान और मितव्ययी होता है, परन्तु कम समय में अधिक-से-अधिक वेल्डिंग दोषों को दर्शा सकता है। इसके द्वारा वेल्डिंग ” के निम्न गुणों को स्थापित किया जा सकता है वेल्ड पेनीट्रेशन, फ्यूजन की सत्यता, वेल्ड जोन की तन्यता तथा जोड़ की सामर्थ्य। वेल्ड मैटल का टूटा हुआ स्ट्रक्चर उसके अन्दर ब्लो होल्स, गैस पॉकेट्स, स्लैग इन्क्लूजन आदि दोषों को दर्शाता है। तैयार किए गए नमूने के चित्र (a), (b), (c) में दिखाये गए दो स्पोर्ट्स पर इस प्रकार रखते हैं कि वेल्ड बीच में रहे। एक फॉर्मर से वेल्ड के ऊपर बल लगाकर बैण्ड करते हैं।

आघात परीक्षण Impact Test
इस परीक्षण के द्वारा यह निर्धारण करना होता है कि वेल्डिंग का जोड़ अचानक झटके से लगने वाले कितने लोड (impact load) को सहन कर सकता है। इसके द्वारा वेल्ड नमूने की टफनैस (toughness) निर्धारित की जाती है। नमूने पर आघात लगाने और आघात बल को नापने के लिए इम्पैक्ट टैस्ट मशीन (impact test machine) प्रयोग की जाती है।
आघात परीक्षण के लिए निम्न दो प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं। A. चाी परीक्षण (Charpy test) तथा B. आइजोड परीक्षण (Izod test)। चाी परीक्षण में नमूना दोनों तरफ से सहारा जाता है और नॉच के पीछे से चित्र (a) में दर्शाये अनुसार आघात क्रिया करके तोड़ा जाता है जबकि आइजोड नमूना चित्र (b) में दर्शाये गए अनुसार केवल एक सिरे पर पकड़ा जाता है और नॉच के ऊपरी भाग को आघात द्वारा तोड़ा जाता है। हथौड़े की छोड़ने की स्थिति के कारण उसमें सन्निहित ऊर्जा में से कछ नमूने को तोड़ने में व्यय होती है और हथौड़ा इसलिए उसी ऊँचाई तक नहीं उठ पाता। इस ऊर्जा की गणना जल में की जाती है।

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