Answer for माइक्रोफोन या माइक होता क्या है

स्पीकरों की तरह से माइक्रोफोन को आवाज को इनपुट करने के लिये प्रयोग करते हैं। यह एक ऐसी डिवाइस होती है जिसमें acoutic-to-electric trans’ucer या सेंसर होता है जो साउंड को इलेक्ट्रिकल सिगनल में कनवर्ट करता है। इनका प्रयोग जहां कम्प्यूटर में साउंड को इनपुट करने के लिये करते हैं वहीं इन्हें टेलीफोन, हीयरिंग एड्स और पब्लिक एड्रेस सिस्टम में प्रयोग किया जाता है।आजकल डॉयनामिक माइक्रोफोन भी प्रयोग किये जाते हैं। इनमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा कंडेन्सर माइक्रोफोन या पीजो इलेक्ट्रिक माइक्रोफोन भी शामिल हैं। ये भी इलेक्ट्रिक सिगनल को उत्पन्न करते हैं लेकिन ये इस कार्य के लिये इनमें एयर प्रेशर वैरियेशन का इस्तेमाल होता है। यदि माइक्रोफोन के कम्पोनेन्ट की बात करें तो इनमें एक संवेदनशील transducer एलीमेंट का प्रयोग किया जाता है। इस एलीमेंट को कैपस्यूल भी कहते हैं। यदि थर्मोंफोन पर आधारित माइक्रोफोन का प्रयोग कर रहे हैं तो उसमें यह एलीमेंट नहीं होता है। माइक्रोफोन में सबसे पहले साउंड मैकेनिकल मोशन में बदलती है, इसके बाद यही इलेक्ट्रिकल सिगनल में परिवर्तित हो जाती है।
कम्प्यूटर के साथ अब ऐसे माइक्रोफोन भी प्रयोग किये जाने लगे हैं जिन्हें फाइबर ऑप्टिक माइक्रोफोन कहते हैं। यह माइक्रोफोन acoustic तरंगों को लाइट इंटेन्सिटी में हुए बदलाव से इलेक्ट्रिक सिगनल में बदल देता है। इस ऑपरेशन के दौरान एक लेजर स्रोत से लाइट या प्रकाश फाइबर ऑप्टिक में ट्रैवल करती है और यह रिफलेक्टिल डायफ्राम से टकराती है। इसकी वजह से डायफ्राम की वाइब्रेशन, आवाज की तरगें के रूप में एक स्पेसफिक डायरेक्शन में लाइट की इंटेन्सिटी को मॉड्यूलेट करती हैं। यह मॉड्यूलेटेड लाइट एक अन्य फाइबर ऑप्टिक केबल में फोटो डिटेक्टर के माध्यम से ट्रैवल करती है और यह एनालॉग या डिजिटल ऑडियों में परिवर्तित होकर रिकार्ड हो जाती है। इस तकनीक पर आधारित माइक्रोफोन हाई डायनामिक और फ्रिकवेंसी रेंज वाले होते हैं। इन्हें अत्यन्त उच्च श्रेणी का माना जाता है। इनका प्रयोग ज्यादातर इंफ्रासाउंड मॉनीटरिंग और न्वाइज कैंसिलेशन के लिये किया जाता है।
इस समय लेजर माइक्रोफोन्स को भी प्रयोग किया जा रहा है। इनकी आवाज कैच करने की रेंज काफी ज्यादा होती है। इसमें एक लेजर किरण का प्रयोग किया जाता है जिसका निशाना कोई विंडो या समतल सतह होती है जो आवाज से प्रभावित हो सकती है। इस सतह की वाइब्रेशन उस कोण को बदल देती हैं जहां से लेजर बीम परावर्तित होती है। इससे लेजर स्पॉट का मोशन बीम को रिटर्न करता है और एक ऑडियो सिगनल में बदल देता है।

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