Answer for माइक्रोमीटर क्या होता है और इसके कितने प्रकार होते है ?

यह नट व बोल्ट के सिद्धान्त पर आधारित एक मापक यन्त्र है। इसके द्वारा हम छोटी-से-छोटी 0.01 मिमी तथा 0.001″ तक की माप ले सकते हैं। माइक्रोमीटर द्वारा मापी जा सकने वाली न्यूनतम तथा अधिकतम माप को माइक्रोमीटर की रेंज (range) कहते हैं। बाजार में विभिन्न रेंजों में माइक्रोमीटर उपलब्ध हैं; जैसे-0-25 मिमी, 25-50 मिमी, 50-75 मिमी तथा 75-100 मिमी।

प्रकार Types
माइक्रोमीटर निम्न प्रकार के होते हैं
आउटसाइड माइक्रोमीटर Outside Micrometer यह माइक्रोमीटर, जॉब की बाहरी माप लेने के काम आता है। चित्र में दर्शाया गया माइक्रोमीटर एक आउटसाइड माइक्रोमीटर है। इसमें एक स्टील का ‘U’ फ्रेम (‘U’ frame) होता है, जिसके एक सिरे पर (बाएँ सिरे पर) एक हाई-कार्बन स्टील या टंग्स्टन कार्बाइड की टिप (tip) लगा हुआ एनविल (anvil) होता है। ‘U’ फ्रेम के दूसरे सिरे पर स्पिण्डल (spindle), स्लीव (sleeve), -Barrel थिम्बल (thimble), लॉक नट तथा रैचेट (ratchet) आदि फिट -Datum किए रहते हैं। स्लीव के अन्दर के भाग में स्पिण्डल के लिए -Thimble चूड़ियाँ (threads) बनी होती हैं तथा यह फ्रेम के साथ जुड़ी होती हैं। इसके ऊपरी भाग पर एक मिमी तथा आधा मिमी के निशान बने होते हैं। स्पिण्डल स्लीव के अन्दर ठीक इसी प्रकार चलता है, जैसे नट में Full millimeters कोई बोल्ट चलता है। स्पिण्डल का आगे का भाग प्लेन होता है तथा इसके सिरे पर भी एक कार्बाइड की टिप (tip) लगी होती है। इसके पिछले भाग के साथ एक थिम्बल जुड़ा होता है तथा थिम्बल के बाद एक रैचेट सिस्टम लगा होता है। थिम्बल का आगे का भाग एक सिलेण्ड्रीकल स्केल में विभाजित रहता है। साधारणतया इसके 100 या 50 भाग होते हैं। रैचेट, दोनों एनविल के बीच कसे हुए जॉब पर एक निश्चित दबाव (pressure) डालता है तथा उससे अधिक दबाव डालने पर फ्री हो जाता है। इससे सही माप (true reading) लेने में सहायता मिलती है। स्पिण्डल को घुमाकर दोनों एनविल को आपस में मिलाने पर, स्लीव पर बना शून्य (zero) तथा थिम्बल पर बना शून्य मिलने . चाहिए। ऐसा न होने पर एडजस्टिंग स्पैनर की सहायता से बैरल को घुमाकर शून्य मिला देने चाहिए। स्पैनर के हुक को फंसाने के लिए बैरल में एक छोटा-सा छेद (hole) होता है। लॉकनट के द्वारा किसी भी स्थिति (position) में स्पिण्डल को स्थिर किया जा सकता है।

अल्पतम माप Least Count
किसी माइक्रोमीटर द्वारा ली जा सकने वाली छोटी-से-छोटी माप को उसकी अल्पतमांक (least count) या अल्पतम माप कहते हैं। माइक्रोमीटर का प्रयोग करने से पहले उसकी अल्पतम माप ज्ञात होना आवश्यक है। ब्रिटिश, तथा मीटरी माइक्रोमीटरों की अल्पतम माप निम्न प्रकार अलग-अलग निकाली जा सकती है

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