Answer for माइक्रो SD कार्ड किसे कहते है

वर्तमान समय में इसे लैपटॉप, टैब और मोवाइल फोन में डेटा बैकअप के लिये प्रयोग किया जाता है। यह भी एक तरह की EEPROM होती है लेकिन इसके प्रयोग के लिये एक विशेष पोर्ट होती है, और इसका USB पोर्ट से कोई लेना-देना नहीं होता है लेकिन इसकी कार्य – प्रणाली USB की तरह से ही होती है। इस समय इसमें 128 GB तक डेटा स्टोर किया जा सकता है। इन कार्डों को प्रयोग करते समय उस डिवाइस का स्विच ऑफ कर दें जिसमें इन्हें लगा रहे हैं। इससे कार्ड भी खराब नहीं होगा और न ही वह डिवाइस। इन्हें बार-बार फार्मेट न करें।

एक्सटर्नल हार्ड डिस्क ड्राइव (SSD)
आजकल बल्क डेटा स्टोरेड डिवाइस के रूप में एक्सटर्नल हार्ड डिस्क को खूब प्रयोग किया जा रहा है। इसे USB पोर्ट से लगाकर प्रयोग करते हैं। कुछ कम्पनियां ऐसी एक्सटर्नल हार्ड डिस्क भी बनाती हैं जिन्हें IEEE 1394 नामक पोर्ट से लगाकर प्रयोग किया जाता है। इन्हें SSD ड्राइव कहते हैं। इसका पूरा नाम सॉलिड स्टेट डिस्क भी होता है। इनमें वही तकनीक प्रयोग की जाती है जो पेन ड्राइव में जाती है। इस तकनीक को बबल मेमोरी तकनीक कहते हैं और इसमें किसी तरह का मूविंग मैकेनिज्म नहीं होता है। लेकिन इसमें एक खास तरह का लॉजिकल एक्शटेंशन प्रयोग किया जा है। इसमें प्रयोग किये गये मेमोरी चिप डेटा को स्टोर रखते हैं। यदि वास्तविकता में सोचें और समझें तो इस हार्ड डिस्क में न तो कोई डिस्क होती है और न ही कोई मोटर जो डिस्क को घुमाती हो। इसमें एक इंटीग्रेटेड सर्किट होता है। यह सामान्य हार्ड डिस्क से ज्यादा तेजी से काम करती है और उससे जल्दी डेटा को रीड और राइट कर सकती है। वर्तमान समय में प्रयोग होने वाली ज्यादातर SSD हार्ड डिस्क में NAND पर आधारित फ्लैश मेमोरी को प्रयोग किया जाता है। यह फ्लैश मेमोरी बिना पॉवर के भी डेटा को अपने स्टोर रख सकती है। इन हार्ड डिस्क की क्षमता अब गीगाबाइट (GB) में पहुंच गयी है। इनमें पॉवर सप्लाई का काम USB पोर्ट के द्वारा ही होता है। इन हार्ड डिस्कों को कम्प्यूटर या लैपटॉप से प्रयोग करने के लिये विंडोज़ इनके ड्राइवर को अपने इंस्टॉल कर लेती है। यह ड्राइवर हार्ड डिस्क में ही कॉपी होता है। कुछ कम्पनियां एक सीडी के तौर पर इसका ड्राइवर उपलब्ध कराती है। यदि आप इस तरह की हार्ड डिस्क को प्रयोग कर रहे हैं तो यह सावधानी करतें कि इन्हें सिस्टम से तभी जोड़ें जब इनमें करेंट की सप्लाई न हो। यूएसबी पोर्ट से इन्हें जोड़ने के बाद कुछ देर इंतजार करें और जब इसका ड्राइवर इनीसिलाइज हो जायेगा तो इस हार्ड डिस्क का आइकन आपके सामने आयेगा। इसके बाद इसे प्रयोग करना प्रारम्भ करें। इसे प्रयोग करने के लिये विंडोज़ में ड्रैग एंड ड्रॉप विधि का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा इनका अपना बैकअप सॉफ्टवेयर भी होता है जिससे बैकअप लेने और रिस्टोर करने का काम कर सकते हैं।

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